जागरण प्रतिनिधि, भागलपुर : शिक्षक अभ्यर्थियों का नियोजन प्रक्रिया के खिलाफ विरोध थम नहीं रहा है। अभ्यर्थी प्रतिदिन जिला शिक्षा विभाग में आकर विरोध जता रहे है। मंगलवार को भी आक्रोशित अभ्यर्थियों ने जिला शिक्षा कार्यालय में डीईओ सूर्यदेव कुमार पासवान के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान शारीरिक शिक्षकों ने भी विरोध जताया।
शारीरिक शिक्षकों का कहना था कि विभाग केवल 14 पद रिक्त होने की बात कह रहा है। विभाग यह बात गांधी शंाति प्रतिष्ठान के सर्वेक्षण के आधार पर कह रहा है। जबकि उन्होंने जिले के 80 विद्यालयों में जाकर पता किया, वहां शारीरिक शिक्षकों के पद खाली हैं। वे डीईओ से रिक्ति पत्र मांग रहे थे। इस पर डीईओ ने पत्र दिखाने में असमर्थता प्रकट की और कार्यालय से निकल गए। इसी बीच विरोध कर रहे अभ्यर्थी जिला स्कूल स्थित बीआरसी भवन गए। वहां उन्होंने छात्रों को आवेदन जमा करने से रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने जिला परिषद कार्यालय पहुंच कर अध्यक्ष सविता देवी से मिलने की बात कही। इसी बीच उन्हें जानकारी मिली कि सविता कार्यालय ही नहीं आई हैं। इस पर वे निराश होकर वापस लौट गए। अभ्यर्थियों ने डीएम कार्यालय में जाकर उनसे मिलना चाहा। उन्हें तीन बजे के बाद मिलने को कहा गया। उन्होंने पुन: नियत समय पर आकर शिक्षा मंत्री के नाम से डीएम को आवेदन सौंपा। उनका आवेदन यह कह कर अस्वीकार कर दिया गया कि शिक्षा मंत्री के नाम से आवेदन ना देकर सीधे डीएम के नाम से आवेदन दें।
अभ्यर्थी भानू सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा नियोजन की जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उससे बिहार भर में एक अभ्यर्थी को आवेदन करने में 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। भानु ने बताया कि एक पंचायत में आवेदन करने पर प्रमाण पत्रों की छाया प्रति में 32 रुपये, 30-30 रुपये के दो डाक टिकट यानि 60 रुपये व आवागमन में 100 रुपये खर्च होगें। इस तरह एक ही पंचायत में लगभग 192 रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि बुधवार को डीएम कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन कर आवेदन सौंपा जाएगा। कार्यक्रम को लेकर सभी अभ्यर्थियों से संपर्क साधा जा रहा है।
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शारीरिक शिक्षकों का कहना था कि विभाग केवल 14 पद रिक्त होने की बात कह रहा है। विभाग यह बात गांधी शंाति प्रतिष्ठान के सर्वेक्षण के आधार पर कह रहा है। जबकि उन्होंने जिले के 80 विद्यालयों में जाकर पता किया, वहां शारीरिक शिक्षकों के पद खाली हैं। वे डीईओ से रिक्ति पत्र मांग रहे थे। इस पर डीईओ ने पत्र दिखाने में असमर्थता प्रकट की और कार्यालय से निकल गए। इसी बीच विरोध कर रहे अभ्यर्थी जिला स्कूल स्थित बीआरसी भवन गए। वहां उन्होंने छात्रों को आवेदन जमा करने से रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने जिला परिषद कार्यालय पहुंच कर अध्यक्ष सविता देवी से मिलने की बात कही। इसी बीच उन्हें जानकारी मिली कि सविता कार्यालय ही नहीं आई हैं। इस पर वे निराश होकर वापस लौट गए। अभ्यर्थियों ने डीएम कार्यालय में जाकर उनसे मिलना चाहा। उन्हें तीन बजे के बाद मिलने को कहा गया। उन्होंने पुन: नियत समय पर आकर शिक्षा मंत्री के नाम से डीएम को आवेदन सौंपा। उनका आवेदन यह कह कर अस्वीकार कर दिया गया कि शिक्षा मंत्री के नाम से आवेदन ना देकर सीधे डीएम के नाम से आवेदन दें।
अभ्यर्थी भानू सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा नियोजन की जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उससे बिहार भर में एक अभ्यर्थी को आवेदन करने में 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आ रहा है। भानु ने बताया कि एक पंचायत में आवेदन करने पर प्रमाण पत्रों की छाया प्रति में 32 रुपये, 30-30 रुपये के दो डाक टिकट यानि 60 रुपये व आवागमन में 100 रुपये खर्च होगें। इस तरह एक ही पंचायत में लगभग 192 रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि बुधवार को डीएम कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन कर आवेदन सौंपा जाएगा। कार्यक्रम को लेकर सभी अभ्यर्थियों से संपर्क साधा जा रहा है।
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