बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन सरकार ने एक साल पूरे होने के मौके पर
सोमवार को एक साल का लेखा-जोखा पेश किया है। बिहार सरकार ने 'न्याय के साथ
विकास यात्रा' के नाम से जारी रिपोर्ट कार्ड में राज्य में कानून का राज और
चौमुखी विकास का दावा किया गया है।
प्रदेश में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है। इसको सफल बनाने के लिए जहां एक तरफ 1.19 करोड़ अभिभावकों ने शराब नहीं पीने का संकल्प लिया, 48 हजार से ज्यादा टोलों में घर-घर संपर्क चलाया गया वहीं, दूसरी ओर नयी उत्पाद नीति भी लायी गयी। कानून का सशक्त बनाने के लिए नयी उत्पाद नीति को कड़ा किया गया और दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन उसे लागू किया गया। अब पूर्ण शराबबंदी के बाद राज्य सरकार फिर से जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी कर रही है और 21 जनवरी 2017 से अंतिम चरण की शुरुआत होगी। इसमें शराबबंदी के फायदे के बारे में लोगों को बताया जायेगा।
2015 में महागंठबंधन की नयी सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 नवंबर को मद्य निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शराबबंदी करने की घोषणा की। उन्होंने नयी उत्पाद नीति लागू कर एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की। इसके बाद 21 दिसंबर 2015 को नयी उत्पाद नीति लागू की गयी। इसमें राज्य भर में चरण वार तरीके से मद्यपान निषेध लागू करने का लक्ष्य रखा गया।
पहले चरण में प्रदेश में एक अप्रैल 2016 से देशी शराब बंद कर दी गयी और ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी शराब को भी बंद करने का निर्णय लिया गया।
इस अभियान को व्यापक जन संमर्थन मिला और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में लोगों ने स्वागत किया। जब शहर के विदेशी शराब दुकानों के खुलने का विरोध शुरू हुआ तो सरकार ने पांच अप्रैल से विदेशी शराब को भी प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया। इससे पहले शराबबंदी के पक्ष में मुहिम चलाया गया और शराब के दुष्प्रभावों को बताया गया। सभी सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के 1.19 करोड़ अभिभावकों ने शराब का सेवन नहीं करने और दूसरे लोगों को शराब से दूर रहने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।
राज्य को विकसित बनाने का सपना
समृद्ध व विकसित बिहार बनाने के लिए राज्य सरकार सुशासन के कार्यक्रम के तहत सात निश्चय योजना को पूरा करने का निर्णय लिया है। इससे बिहार देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जायेगा। बिहार का खोया सम्मान वापस मिलेगा। सात निश्चय देश के लिए उदाहरण बनेगा। की मूलभूत समस्या को ध्यान में रखकर सात निश्चय योजना तय किया है लोगों। ताकि राज्य के लोगों को सभी मूलभूत आवश्यकता पूरी की जा सके। लगभग 2.70 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सात निश्चय योजना को पूरा करने के लिए शुरू हुए काम से लोग प्रभावित रहे हैं हो। सात निश्चय में पहला आर्थिक हल, युवाओं को बल, दूसरा आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार, तीसरा हर घर बिजली लगातार, चौथा हर घर नल का जल, पांचवां घर तक पक्की गली-नलियां, छठा शौचालय निर्माण घर का सम्मान व सातवां अवसर बढ़े, आगे पढ़ें शामिल हैं.इन सातों निश्चयों के बल पर नीतीश सरकार ने बिहार को विकसित राज्य बनाने की अपनी प्रतिबद्धता जतायी है।
नीतीश सरकार के सात निश्चय
1 आर्थिक हल, युवाओं को बल
बिहार स्टूडेंट कार्ड योजना- छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख रुपये के कर्ज के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिलेगा। योजना के तहत अभी तक लोन के लिए 2420 छात्रों ने आवेदन दिया है। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना- योजना के तहत 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को नौकरी की तलाश के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपये स्वयं सहायता भत्ता दो साल तक मिलेगा।
2 आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी सेवा संवर्गों की सीधी नियुक्ति में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण मिलना शुरू गया है हो। इससे पहले पंचायती राज संस्स्थाओं व नगर निकायों व शिक्षकों की नियुक्ति में 50 फीसदी सीटें आरक्षित की गयी।
3. हर घर बिजली लगातार
इस निश्चय का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के प्रत्येक घर में बिजली की उपलब्धता प्रदान करना है। दो साल में मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के तहत सरकार अपने संसाधन से ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर मीटर के साथ बिजली पहुंचायेगी।
4. हर घर नल का जल
राज्य में हर घर नल का स्वच्छ पेयजल पहुंचाना सरकार का उद्देश्य है। लगभग दो करोड़ परिवारों को उनके घर में पीने का स्वच्छ पानी पहुंचाया जायेगा। इस काम 8391 को ग्राम पंचायतों व 140 नगर निकायों के सामूहिक प्रयास से पूरा होगा।
5. घर तक पक्की गली-नालियां
योजना के तहत राज्य के सभी संपर्क विहीन टोलों को पक्की सड़क से जोड़ने के अलावा सभी गांव व शहरों में गली-नाली का निर्माण होगा।
6. शौचालय निर्माण घर का सम्मान
सरकार ने स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए राज्य के सभी घरों में शौचालय बनाने का अभियान शुरू किया है। इस योजना के तहत राज्य के 1.68 करोड़ घरों में सरकार शौचालय बनवायेगी।
7. अवसर बढ़े आगे पढ़ें
राज्य के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से लैस करने के लिए सरकार ने अवसर बढ़े आगे पढ़ें योजना शुरू किया है। इस योजना में युवाओं को तकनीकी शिक्षा दी जायेगी।
एक साल में बने साढ़े 10 लाख नये उपभोक्ता
सरकार की प्राथमिकता और सात निश्चय में शामिल बिजली में राज्य ने एक साल में काफी प्रगति की है। बिजली की खपत जहां बढ़ी है, वहीं बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। अभी राज्य में 81 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। एक साल में 10.50 लाख नये उपभोक्ता बने। रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक सात अक्तूबर को राज्य में 3769 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गयी। रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि 2015 कि तुलना में 2016 में बिजली की आपूर्ति में बढ़ोतरी हुई है। सात निश्चय में हर घर बिजली लगातार योजना की शुरुआत की गयी है।
रिपोर्ट कार्ड के अनुसार बरौनी ताप बिजली घर की 110 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट संख्या सात चालू हो गयी है। यूनिट संख्या 6 भी मार्च तक चालू हो जायेगा। छह नये ग्रिड सब स्टेशन एवं 810 सर्किट किलोमीटर नयी लाइन का निर्माण कराया गया। 16 ग्रिड उपकेंद्रों का क्षमता विस्तार किया गया। पिछले 10 माह में 52 नये पावर सब स्टेशन का निर्माण किया गया। पूरे राज्य में संचरण लाइन को दुरुस्त किया जा रहा है।
पांच घंटे के अंदर पटना पहुंचने के लक्ष्य पर किया जा रहा है काम
राज्य के सुदूर इलाके से पांच घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य पर काम हो रहा है। सरकार 1043 किमी जिला सड़क, 400 किमी एनएच व 620 किमी स्टेट हाइवे के चौड़ीकरण का काम कर रही है। 2025 किलोमीटर सड़क का मेंटेनेंस काम पूरा किया गया है तहत ओपीआरएमसी के। विभागीय पथों के साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों का अधिग्रहण कर विकास किया जा रहा है। दूरी कम करने के लिए पुलों के निर्माण में तेजी लायी जा रही है। आरा-छपरा, बख्तियारपुर-ताजपुर, कच्ची दरगाह-बिदुपुर, सुल्तानगंज-अगुवानी घाट, गोपालगंज में गंडक नदी पर बंगरा घाट पर पुल निर्माण, गंगा पाथ वे का काम प्रगति पर है। मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत 248 योजनाएं पूरा की गयी है। राज्य योजना के अंतर्गत 766 करोड़ से 220 किलोमीटर ग्रामीण सड़क का निर्माण हुआ है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2067 करोड़ खर्च कर 5352 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा किया गया। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 1522 करोड़ से 3066 किलोमीटर ग्रामीण सड़क बना है। 4357 करोड़ से 8638 किलोमीटर ग्रामीण सड़क का निर्माण काम हुआ जो एक नया कीर्तिमान है। पटना शहर में मीठापुर फ्लाइओवर से चिरैयाटांड फ्लाइओवर, मीठापुर ऊपरी पुल से भिखारी ठाकुर ऊपरी पुल को जोड़ने का काम प्रगति पर है।
सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा
नीतीश कुमार की सरकार के एक साल के कार्यकाल में स्वास्थ्य मानकों में सुधार दिख रहा है। सरकार द्वारा बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं सुधार के कारण मरीजों का भरोसा सरकारी अस्पतालों पर अधिक बढ़ा है। एक साल के दौरान देखा जाये तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी में औसतन 1463 मरीजों की प्रति माह वृद्धि दर्ज की गयी है। सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में ओपीडी मरीजों की संख्या औसतन 12000 का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही राज्य की प्रजनन दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। एसआरएस 2013 के आंकड़ों के अनुसार राज्य की प्रजनन दर 3.4 थी जो एसआरएस 2014 के अनुसार घटकर 3.2 हो गयी है। राज्य सरकार द्वारा एक साल पूरा होने के बाद जारी रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि बच्चों के प्रतिरक्षण को लेकर गहन प्रयास किया गया.इसका परिणाम है कि पूर्ण प्रतिरक्षण पिछले वर्ष 82 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 84 प्रतिशत हो गया है। बच्चों को पोलियो से दोहरी सुरक्षा दिलाने के लिए राज्य में इनएक्टिव पोलियो वायरस वैक्सिन (आइपीवी) सूई का शुभारंभ किया गया है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत अगस्त 2015 से अगस्त 2016 तक 445828 परिवार नियोजन किया गया। साथ ही दिसंबर 2015 से अगस्त 2016 तक प्रसव के बाद 88,608 कापर-टी लगाया गया। सरकार द्वारा एचआइवी संक्रमित व्यक्तियों की सहायता के लिए एआरटी केंद्र पर आने जाने के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये यात्रा अनुदान की स्वीकृति की गयी। ममता कार्यकर्ताओं को प्रसव पूर्व मिलने वाले 100 रुपये के मानदेय को बढ़ाकर पहली अप्रैल 2016 से 300 रुपये कर दिया गया। सरकार ने वर्ष 2017 में राज्य से कालाजार के उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मच्छरों के नियंत्रण के लिए लगातार दवा का छिड़काव किया गया है तो रोग के इलाज के लिए एंबीसोम के एक खुराक का प्रयोग किया गया है।
योजना आकार में हुई 27 गुणा वृद्धि
राज्य में पिछले 10 वर्षों के दौरान आर्थिक विकास की रफ्तार काफी तेज हुई है। वित्तीय वर्ष 2004-05 की तुलना में आधारभूत संरचना एवं सामाजिक प्रक्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2016-17 के योजना आकार में 27 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2004-05 में राज्य का योजना आकार तीन हजार 59 करोड़ था, जो 2016-17 में बढ़कर 79 हजार करोड़ हो गया। 12 वीं पंचवर्षीय योजना (2012-13 से 2015-16 से तक) में राज्य के लिए दो लाख 28 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये का प्रबंध किया गया था। इसमें एक लाख 65 हजार से ज्यादा रुपये विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत किये गये, जिसमें अब तक एक लाख 57 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च हुए हैं। यह निर्धारित लक्ष्य का 95.45 प्रतिशत है। पिछले पांच वर्षों के दौरान योजनाओं में राशि व्यय में लगातार वृद्धि हुई है। इसी तरह राज्य में पिछले 10 वर्षों में राज्यस्व संग्रह में करीब तीन हजार 500 करोड़ से बढ़कर 25 हजार 499 करोड़ हो गया है, जो पिछली वर्ष की तुलना में 22.65 प्रतिशत अधिक है।
पांच लाख छात्रों को पहले साल दिया जायेगा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
राज्य के 12 वीं पास वैसे छात्र-छात्राएं जो आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें चार लाख रुपये तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा। इस योजना की शुरुआत दो अक्तूबर से कर दी गयी। यह सरकार के सात निश्चयों में एक है। पहले साल पांच लाख छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। साल दर साल इसमें एक लाख की बढ़ोतरी होगी और 2020 में नौ लाख छात्र-छात्राओं इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में सभी प्रकार के व्यावसायिक, तकनीकी, और सामान्य कोर्स के लिए भी ऋण दिया जायेगा। इसमें छात्र को शिक्षण संस्थान की फीस और हॉस्टल नहीं मिलने पर उसके रहने, जीवनयापन व पाठ्य सामग्री पर खर्च होने वाली राशि भी ऋण के रूप में दिया जायेगा। नयी सरकार बनने के बाद शिक्षा में सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। राज्य में अब मात्र एक प्रतिशत (2,16,836) बच्चे ही स्कूल से बाहर रह गये हैं, जबकि 2.20 करोड़ बच्चे स्कूल में नामांकित हैं। ऐसे बच्चों को स्कूल लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रारंभिक स्कूलों के सभी बच्चों को जहां नि: शुल्क पोशाक की राशि दी गयी, वहीं, 1,54,08,356 बच्चों को पाठ्य पुस्तक की सामग्री दी गयी। सरकार ने प्रारंभिक स्कूलों के आठवीं के बच्चों का एसेसमेंट किया था। 33 फीसदी बच्चों को ए ग्रेड (70 फीसदी से अधिक) मिला। वहीं, 61 प्रतिशत बच्चों को बी ग्रेड (40-70 फीसदी) और छह प्रतिशत बच्चों को सी ग्रेड (40 फीसदी से कम) मिले हैं। साथ ही प्रदेश में 50 नामांकित बच्चों को एक शिक्षक हैं, लेकिन बच्चों की उपस्थिति के आधार पर 36 बच्चों पर एक शिक्षक हैं। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बरकरार रहे अौर वे बच्चों को पढ़ाये, इसके लिए जीविका की दीदियों को स्कूल के निरीक्षण के काम में लगाया है।
दीदियों ने 4818 स्कूलों में निरीक्षण किया है। इसमें 509 शिक्षक बिना सूचना के गैर हाजिर पाये गये। इन सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
राजगीर में बनायी जायेगी आइटी सिटी
राज्य के सूचना व प्रावैधिकी विभाग ने नालंदा के राजगीर में आइटी सिटी के निर्माण का निर्णय लिया है। इसके रोडपैप को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इसके लिए 200 एकड़ जमीन आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के जरिये अधिग्रहण करने की कार्रवाई जारी है और प्राधिकार को 43.54 करोड़ आवंटित किये जा चुके हैं। पटना में आइटी टावर स्थापित करने के लिए डाकबंगला चौराहा स्थित विद्यालय निरीक्षिका कार्यालय की जमीन हस्तांतरित की गयी है। पटना के बिहटा के अलावा बक्सर व मुजफ्फरपुर में एनआइइएसआइटी सेंटर खोले जाने का लक्ष्य है। इससे जॉब ओरियेंटेड कोर्स के प्रशिक्षण से राज्य के शिक्षित युवाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार मिलने में सहूलियत होगी। बक्सर में नाइलेट सेंटर के लिए एक एकड़ जमीन मिल चुकी है। विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग पटना में एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण करायेगा। इसके निर्माण के लिए आर्किटेक्ट प्रदर्श डिजाइनर अौर कंटेंट डिजाइनर का चयन प्रक्रियाधीन है।
भ्रष्टाचार और अपराध पर काबू पाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति
बिहार में पिछले एक वर्ष के दौरान जनता के प्रति पुलिस महकमा को ज्यादा उत्तरादायित्व बनाने और जनता के साथ परस्पर संबंध स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। इसमें भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना पहली प्राथमिकता है। पुलिस को तेज और त्वरित गति से काम करने के लिए कई तरह के संसाधन मुहैया कराये गये हैं। इसमें आधुनिक पुलिस नियंत्रण कक्ष, राज्य के सभी मुख्य शहरों में सीसीटीवी कैमरा लगाने, बिहार पुलिस अवर सेवा चयन आयोग का गठन के अलावा सबसे अहम महिला पुलिसकर्मियों के लिए सभी थानों में अलग से महिला शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था शामिल है। पुलिस अधिकारियों के तबादले की नीति का निर्धारण किया गया। साथ ही इनके कार्य एवं मूल्यांकन की व्यवस्था पहली बार की गयी है। इससे पुलिस की आंतरिक कार्य प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण सुधार आयेगा।
निगरानी ने किये सबसे ज्यादा ट्रैप
वर्ष 2016 नवंबर के में पहले सप्ताह तक भ्रष्ट लोक सेवकों को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने के लिए ट्रैप की 93 कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें 106 लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है। पद के दुरुपयोग संबंधित 25 मामलों और डीए (आय से अधिक संपत्ति) मामले में 12 कांड समेत कुल 130 कांड दर्ज किये गये हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के तहत कुल तीन मामलों में 1.96 करोड़ रुपये की संपत्ति को सरकार जब्त कर चुकी है। विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत नवंबर 2015 बाद बिहार नौ मामलों में घोषणा पत्र निर्गत किया गया के है, जिसमें सात करोड़ पांच लाख से ज्यादा की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। यह मामला न्यायालय में प्रक्रियाधीन है।
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प्रदेश में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है। इसको सफल बनाने के लिए जहां एक तरफ 1.19 करोड़ अभिभावकों ने शराब नहीं पीने का संकल्प लिया, 48 हजार से ज्यादा टोलों में घर-घर संपर्क चलाया गया वहीं, दूसरी ओर नयी उत्पाद नीति भी लायी गयी। कानून का सशक्त बनाने के लिए नयी उत्पाद नीति को कड़ा किया गया और दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन उसे लागू किया गया। अब पूर्ण शराबबंदी के बाद राज्य सरकार फिर से जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी कर रही है और 21 जनवरी 2017 से अंतिम चरण की शुरुआत होगी। इसमें शराबबंदी के फायदे के बारे में लोगों को बताया जायेगा।
2015 में महागंठबंधन की नयी सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 नवंबर को मद्य निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शराबबंदी करने की घोषणा की। उन्होंने नयी उत्पाद नीति लागू कर एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की। इसके बाद 21 दिसंबर 2015 को नयी उत्पाद नीति लागू की गयी। इसमें राज्य भर में चरण वार तरीके से मद्यपान निषेध लागू करने का लक्ष्य रखा गया।
पहले चरण में प्रदेश में एक अप्रैल 2016 से देशी शराब बंद कर दी गयी और ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी शराब को भी बंद करने का निर्णय लिया गया।
इस अभियान को व्यापक जन संमर्थन मिला और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में लोगों ने स्वागत किया। जब शहर के विदेशी शराब दुकानों के खुलने का विरोध शुरू हुआ तो सरकार ने पांच अप्रैल से विदेशी शराब को भी प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया। इससे पहले शराबबंदी के पक्ष में मुहिम चलाया गया और शराब के दुष्प्रभावों को बताया गया। सभी सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के 1.19 करोड़ अभिभावकों ने शराब का सेवन नहीं करने और दूसरे लोगों को शराब से दूर रहने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।
राज्य को विकसित बनाने का सपना
समृद्ध व विकसित बिहार बनाने के लिए राज्य सरकार सुशासन के कार्यक्रम के तहत सात निश्चय योजना को पूरा करने का निर्णय लिया है। इससे बिहार देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जायेगा। बिहार का खोया सम्मान वापस मिलेगा। सात निश्चय देश के लिए उदाहरण बनेगा। की मूलभूत समस्या को ध्यान में रखकर सात निश्चय योजना तय किया है लोगों। ताकि राज्य के लोगों को सभी मूलभूत आवश्यकता पूरी की जा सके। लगभग 2.70 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सात निश्चय योजना को पूरा करने के लिए शुरू हुए काम से लोग प्रभावित रहे हैं हो। सात निश्चय में पहला आर्थिक हल, युवाओं को बल, दूसरा आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार, तीसरा हर घर बिजली लगातार, चौथा हर घर नल का जल, पांचवां घर तक पक्की गली-नलियां, छठा शौचालय निर्माण घर का सम्मान व सातवां अवसर बढ़े, आगे पढ़ें शामिल हैं.इन सातों निश्चयों के बल पर नीतीश सरकार ने बिहार को विकसित राज्य बनाने की अपनी प्रतिबद्धता जतायी है।
नीतीश सरकार के सात निश्चय
1 आर्थिक हल, युवाओं को बल
बिहार स्टूडेंट कार्ड योजना- छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख रुपये के कर्ज के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिलेगा। योजना के तहत अभी तक लोन के लिए 2420 छात्रों ने आवेदन दिया है। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना- योजना के तहत 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को नौकरी की तलाश के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपये स्वयं सहायता भत्ता दो साल तक मिलेगा।
2 आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी सेवा संवर्गों की सीधी नियुक्ति में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण मिलना शुरू गया है हो। इससे पहले पंचायती राज संस्स्थाओं व नगर निकायों व शिक्षकों की नियुक्ति में 50 फीसदी सीटें आरक्षित की गयी।
3. हर घर बिजली लगातार
इस निश्चय का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के प्रत्येक घर में बिजली की उपलब्धता प्रदान करना है। दो साल में मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के तहत सरकार अपने संसाधन से ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर मीटर के साथ बिजली पहुंचायेगी।
4. हर घर नल का जल
राज्य में हर घर नल का स्वच्छ पेयजल पहुंचाना सरकार का उद्देश्य है। लगभग दो करोड़ परिवारों को उनके घर में पीने का स्वच्छ पानी पहुंचाया जायेगा। इस काम 8391 को ग्राम पंचायतों व 140 नगर निकायों के सामूहिक प्रयास से पूरा होगा।
5. घर तक पक्की गली-नालियां
योजना के तहत राज्य के सभी संपर्क विहीन टोलों को पक्की सड़क से जोड़ने के अलावा सभी गांव व शहरों में गली-नाली का निर्माण होगा।
6. शौचालय निर्माण घर का सम्मान
सरकार ने स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए राज्य के सभी घरों में शौचालय बनाने का अभियान शुरू किया है। इस योजना के तहत राज्य के 1.68 करोड़ घरों में सरकार शौचालय बनवायेगी।
7. अवसर बढ़े आगे पढ़ें
राज्य के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से लैस करने के लिए सरकार ने अवसर बढ़े आगे पढ़ें योजना शुरू किया है। इस योजना में युवाओं को तकनीकी शिक्षा दी जायेगी।
एक साल में बने साढ़े 10 लाख नये उपभोक्ता
सरकार की प्राथमिकता और सात निश्चय में शामिल बिजली में राज्य ने एक साल में काफी प्रगति की है। बिजली की खपत जहां बढ़ी है, वहीं बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। अभी राज्य में 81 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। एक साल में 10.50 लाख नये उपभोक्ता बने। रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक सात अक्तूबर को राज्य में 3769 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गयी। रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि 2015 कि तुलना में 2016 में बिजली की आपूर्ति में बढ़ोतरी हुई है। सात निश्चय में हर घर बिजली लगातार योजना की शुरुआत की गयी है।
रिपोर्ट कार्ड के अनुसार बरौनी ताप बिजली घर की 110 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट संख्या सात चालू हो गयी है। यूनिट संख्या 6 भी मार्च तक चालू हो जायेगा। छह नये ग्रिड सब स्टेशन एवं 810 सर्किट किलोमीटर नयी लाइन का निर्माण कराया गया। 16 ग्रिड उपकेंद्रों का क्षमता विस्तार किया गया। पिछले 10 माह में 52 नये पावर सब स्टेशन का निर्माण किया गया। पूरे राज्य में संचरण लाइन को दुरुस्त किया जा रहा है।
पांच घंटे के अंदर पटना पहुंचने के लक्ष्य पर किया जा रहा है काम
राज्य के सुदूर इलाके से पांच घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य पर काम हो रहा है। सरकार 1043 किमी जिला सड़क, 400 किमी एनएच व 620 किमी स्टेट हाइवे के चौड़ीकरण का काम कर रही है। 2025 किलोमीटर सड़क का मेंटेनेंस काम पूरा किया गया है तहत ओपीआरएमसी के। विभागीय पथों के साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों का अधिग्रहण कर विकास किया जा रहा है। दूरी कम करने के लिए पुलों के निर्माण में तेजी लायी जा रही है। आरा-छपरा, बख्तियारपुर-ताजपुर, कच्ची दरगाह-बिदुपुर, सुल्तानगंज-अगुवानी घाट, गोपालगंज में गंडक नदी पर बंगरा घाट पर पुल निर्माण, गंगा पाथ वे का काम प्रगति पर है। मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत 248 योजनाएं पूरा की गयी है। राज्य योजना के अंतर्गत 766 करोड़ से 220 किलोमीटर ग्रामीण सड़क का निर्माण हुआ है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2067 करोड़ खर्च कर 5352 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा किया गया। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 1522 करोड़ से 3066 किलोमीटर ग्रामीण सड़क बना है। 4357 करोड़ से 8638 किलोमीटर ग्रामीण सड़क का निर्माण काम हुआ जो एक नया कीर्तिमान है। पटना शहर में मीठापुर फ्लाइओवर से चिरैयाटांड फ्लाइओवर, मीठापुर ऊपरी पुल से भिखारी ठाकुर ऊपरी पुल को जोड़ने का काम प्रगति पर है।
सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा
नीतीश कुमार की सरकार के एक साल के कार्यकाल में स्वास्थ्य मानकों में सुधार दिख रहा है। सरकार द्वारा बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं सुधार के कारण मरीजों का भरोसा सरकारी अस्पतालों पर अधिक बढ़ा है। एक साल के दौरान देखा जाये तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी में औसतन 1463 मरीजों की प्रति माह वृद्धि दर्ज की गयी है। सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में ओपीडी मरीजों की संख्या औसतन 12000 का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही राज्य की प्रजनन दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। एसआरएस 2013 के आंकड़ों के अनुसार राज्य की प्रजनन दर 3.4 थी जो एसआरएस 2014 के अनुसार घटकर 3.2 हो गयी है। राज्य सरकार द्वारा एक साल पूरा होने के बाद जारी रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि बच्चों के प्रतिरक्षण को लेकर गहन प्रयास किया गया.इसका परिणाम है कि पूर्ण प्रतिरक्षण पिछले वर्ष 82 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 84 प्रतिशत हो गया है। बच्चों को पोलियो से दोहरी सुरक्षा दिलाने के लिए राज्य में इनएक्टिव पोलियो वायरस वैक्सिन (आइपीवी) सूई का शुभारंभ किया गया है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत अगस्त 2015 से अगस्त 2016 तक 445828 परिवार नियोजन किया गया। साथ ही दिसंबर 2015 से अगस्त 2016 तक प्रसव के बाद 88,608 कापर-टी लगाया गया। सरकार द्वारा एचआइवी संक्रमित व्यक्तियों की सहायता के लिए एआरटी केंद्र पर आने जाने के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये यात्रा अनुदान की स्वीकृति की गयी। ममता कार्यकर्ताओं को प्रसव पूर्व मिलने वाले 100 रुपये के मानदेय को बढ़ाकर पहली अप्रैल 2016 से 300 रुपये कर दिया गया। सरकार ने वर्ष 2017 में राज्य से कालाजार के उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मच्छरों के नियंत्रण के लिए लगातार दवा का छिड़काव किया गया है तो रोग के इलाज के लिए एंबीसोम के एक खुराक का प्रयोग किया गया है।
योजना आकार में हुई 27 गुणा वृद्धि
राज्य में पिछले 10 वर्षों के दौरान आर्थिक विकास की रफ्तार काफी तेज हुई है। वित्तीय वर्ष 2004-05 की तुलना में आधारभूत संरचना एवं सामाजिक प्रक्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2016-17 के योजना आकार में 27 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2004-05 में राज्य का योजना आकार तीन हजार 59 करोड़ था, जो 2016-17 में बढ़कर 79 हजार करोड़ हो गया। 12 वीं पंचवर्षीय योजना (2012-13 से 2015-16 से तक) में राज्य के लिए दो लाख 28 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये का प्रबंध किया गया था। इसमें एक लाख 65 हजार से ज्यादा रुपये विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत किये गये, जिसमें अब तक एक लाख 57 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च हुए हैं। यह निर्धारित लक्ष्य का 95.45 प्रतिशत है। पिछले पांच वर्षों के दौरान योजनाओं में राशि व्यय में लगातार वृद्धि हुई है। इसी तरह राज्य में पिछले 10 वर्षों में राज्यस्व संग्रह में करीब तीन हजार 500 करोड़ से बढ़कर 25 हजार 499 करोड़ हो गया है, जो पिछली वर्ष की तुलना में 22.65 प्रतिशत अधिक है।
पांच लाख छात्रों को पहले साल दिया जायेगा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
राज्य के 12 वीं पास वैसे छात्र-छात्राएं जो आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें चार लाख रुपये तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा। इस योजना की शुरुआत दो अक्तूबर से कर दी गयी। यह सरकार के सात निश्चयों में एक है। पहले साल पांच लाख छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। साल दर साल इसमें एक लाख की बढ़ोतरी होगी और 2020 में नौ लाख छात्र-छात्राओं इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में सभी प्रकार के व्यावसायिक, तकनीकी, और सामान्य कोर्स के लिए भी ऋण दिया जायेगा। इसमें छात्र को शिक्षण संस्थान की फीस और हॉस्टल नहीं मिलने पर उसके रहने, जीवनयापन व पाठ्य सामग्री पर खर्च होने वाली राशि भी ऋण के रूप में दिया जायेगा। नयी सरकार बनने के बाद शिक्षा में सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। राज्य में अब मात्र एक प्रतिशत (2,16,836) बच्चे ही स्कूल से बाहर रह गये हैं, जबकि 2.20 करोड़ बच्चे स्कूल में नामांकित हैं। ऐसे बच्चों को स्कूल लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रारंभिक स्कूलों के सभी बच्चों को जहां नि: शुल्क पोशाक की राशि दी गयी, वहीं, 1,54,08,356 बच्चों को पाठ्य पुस्तक की सामग्री दी गयी। सरकार ने प्रारंभिक स्कूलों के आठवीं के बच्चों का एसेसमेंट किया था। 33 फीसदी बच्चों को ए ग्रेड (70 फीसदी से अधिक) मिला। वहीं, 61 प्रतिशत बच्चों को बी ग्रेड (40-70 फीसदी) और छह प्रतिशत बच्चों को सी ग्रेड (40 फीसदी से कम) मिले हैं। साथ ही प्रदेश में 50 नामांकित बच्चों को एक शिक्षक हैं, लेकिन बच्चों की उपस्थिति के आधार पर 36 बच्चों पर एक शिक्षक हैं। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बरकरार रहे अौर वे बच्चों को पढ़ाये, इसके लिए जीविका की दीदियों को स्कूल के निरीक्षण के काम में लगाया है।
दीदियों ने 4818 स्कूलों में निरीक्षण किया है। इसमें 509 शिक्षक बिना सूचना के गैर हाजिर पाये गये। इन सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
राजगीर में बनायी जायेगी आइटी सिटी
राज्य के सूचना व प्रावैधिकी विभाग ने नालंदा के राजगीर में आइटी सिटी के निर्माण का निर्णय लिया है। इसके रोडपैप को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इसके लिए 200 एकड़ जमीन आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के जरिये अधिग्रहण करने की कार्रवाई जारी है और प्राधिकार को 43.54 करोड़ आवंटित किये जा चुके हैं। पटना में आइटी टावर स्थापित करने के लिए डाकबंगला चौराहा स्थित विद्यालय निरीक्षिका कार्यालय की जमीन हस्तांतरित की गयी है। पटना के बिहटा के अलावा बक्सर व मुजफ्फरपुर में एनआइइएसआइटी सेंटर खोले जाने का लक्ष्य है। इससे जॉब ओरियेंटेड कोर्स के प्रशिक्षण से राज्य के शिक्षित युवाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार मिलने में सहूलियत होगी। बक्सर में नाइलेट सेंटर के लिए एक एकड़ जमीन मिल चुकी है। विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग पटना में एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण करायेगा। इसके निर्माण के लिए आर्किटेक्ट प्रदर्श डिजाइनर अौर कंटेंट डिजाइनर का चयन प्रक्रियाधीन है।
भ्रष्टाचार और अपराध पर काबू पाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति
बिहार में पिछले एक वर्ष के दौरान जनता के प्रति पुलिस महकमा को ज्यादा उत्तरादायित्व बनाने और जनता के साथ परस्पर संबंध स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। इसमें भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना पहली प्राथमिकता है। पुलिस को तेज और त्वरित गति से काम करने के लिए कई तरह के संसाधन मुहैया कराये गये हैं। इसमें आधुनिक पुलिस नियंत्रण कक्ष, राज्य के सभी मुख्य शहरों में सीसीटीवी कैमरा लगाने, बिहार पुलिस अवर सेवा चयन आयोग का गठन के अलावा सबसे अहम महिला पुलिसकर्मियों के लिए सभी थानों में अलग से महिला शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था शामिल है। पुलिस अधिकारियों के तबादले की नीति का निर्धारण किया गया। साथ ही इनके कार्य एवं मूल्यांकन की व्यवस्था पहली बार की गयी है। इससे पुलिस की आंतरिक कार्य प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण सुधार आयेगा।
निगरानी ने किये सबसे ज्यादा ट्रैप
वर्ष 2016 नवंबर के में पहले सप्ताह तक भ्रष्ट लोक सेवकों को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने के लिए ट्रैप की 93 कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें 106 लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है। पद के दुरुपयोग संबंधित 25 मामलों और डीए (आय से अधिक संपत्ति) मामले में 12 कांड समेत कुल 130 कांड दर्ज किये गये हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के तहत कुल तीन मामलों में 1.96 करोड़ रुपये की संपत्ति को सरकार जब्त कर चुकी है। विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत नवंबर 2015 बाद बिहार नौ मामलों में घोषणा पत्र निर्गत किया गया के है, जिसमें सात करोड़ पांच लाख से ज्यादा की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। यह मामला न्यायालय में प्रक्रियाधीन है।
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