पटना : एसआइटी
ने बच्चा राय के भाई जितेंद्र राय के नाम से संचालित तीन कॉलेजों की
फाइलें मंगा ली हैं. ये तीनों कॉलेज बीआर आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय,
मुजफ्फरपुर से संबद्ध है, लेकिन मान्यता के संबंध में विवि पहले ही सवाल
उठा चुका है और मान्यता खारिज करने के लिए राज्य सरकार व शिक्षा विभाग को
रिपोर्ट भी भेज चुका है.
एसआइटी ने विवि की रिपोर्ट को जब्त किया है और उसी आधार पर यह अनुसंधान कर रही है कि जब इन कॉलेजाें के पास अपनी निजी जमीन नहीं थी, तो इन्हें मान्यता कैसे मिली. गौरतलब है कि एसआइटी बच्चा के भाई और उसके ट्रस्ट में शामिल सभी सदस्यों को तलाश रही है. इनमें से कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. बच्चा राय बड़ा शिक्षा माफिया बनना चाहता था. यह सपना वह 2016 में पूरा करना चाहता था. उसने इस साल के अंत तक बिहार के सभी जिलों में अपना कॉलेज खोलने का प्लान बनाया था. इसी जल्दबाजी और रसूख के बल पर उसने गलत ढंग से काॅलेजों की मान्यता ली, जो अब बोर्ड घोटाला खुलने के बाद जांच की जद में है.
एसआइटी ने विवि की रिपोर्ट को जब्त किया है और उसी आधार पर यह अनुसंधान कर रही है कि जब इन कॉलेजाें के पास अपनी निजी जमीन नहीं थी, तो इन्हें मान्यता कैसे मिली. गौरतलब है कि एसआइटी बच्चा के भाई और उसके ट्रस्ट में शामिल सभी सदस्यों को तलाश रही है. इनमें से कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. बच्चा राय बड़ा शिक्षा माफिया बनना चाहता था. यह सपना वह 2016 में पूरा करना चाहता था. उसने इस साल के अंत तक बिहार के सभी जिलों में अपना कॉलेज खोलने का प्लान बनाया था. इसी जल्दबाजी और रसूख के बल पर उसने गलत ढंग से काॅलेजों की मान्यता ली, जो अब बोर्ड घोटाला खुलने के बाद जांच की जद में है.
बिना भवन के मान्यता
विवि ने शिक्षा विभाग को भेजी रिपोर्ट
में यह लिखा है कि जब इन कॉलेजों के पास अपना भवन नहीं है, नहीं हैं तो
कैसे मान्यता दी गयी. इसकी जांच करायी जाये. कॉलेजों ने 25 कमरे किराये पर
लेने की बात कही है, बाद में अपना भवन बनाने का आश्वासन दिया है. नियमत:
इनकी मान्यता रद्द की जाये.
बिहार के बाहर है लालकेश्वर का दामाद विवेक रंजन, आज मिलेगा इश्तेहार का आदेश
पटना. पूर्व बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर
प्रसाद सिंह का दामाद विवेक रंजन बिहार से बाहर निकल गया है. हालांकि
एसआइटी की एक टीम की नजर अब भी उसके आवास और रेलवे दफ्तर पर है, लेकिन
दूसरी टीम राज्य के बाहर छापेमारी कर रही है. यूपी, झारखंड और कोलकाता के
कुछ ठिकानों पर छापेमारी हुई है. पर, अब तक वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा
है. दूसरी तरफ सोमवार को उसके खिलाफ कोर्ट से इश्तेहार चिपकाने का आदेश मिल
जायेगा. वारंट जारी होने के बाद एसआइटी ने इश्तेहार के लिए आवेदन किया है.
टॉपर व उनके परिजनाें की तलाश में कई जिलों में छापेमारी
बिहार बोर्ड के फर्जी टॉपर व उसके
परिजनों की तलाश में श्भी छापेमारी जारी है. एसआइटी की अलग-अलग टीमें
वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, नालंदा में छापेमारी कर रही हैं. उनके
रिश्तेदारों से भी पूछताछ कर रही हैं. दरअसल टॉपरों के गिरफ्त में आने के
बाद उनकी हैंडराइटिंग सैंपल लिये जाने हैं. ये सैंपल एफएसल में भेजे
जायेंगे और उनकी उत्तर पुस्तिका की राइटिंग का मिलान होना है. वहीं,
परिजनों के पकड़े जाने से टॉपर घोटाला मामले में लेन-देन की राशि भी उजागर
होगी. इनकी गिरफ्तारी घोटाले की मुख्य कड़ी मानी जा रही है.
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