मुजफ्फरपुर : जिला परिषद माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन में बड़ा पेच फंस गया है। डीपीओ स्थापना अवनींद्र कुमार सिन्हा ने बिना पैनल समिति की स्वीकृति नियोजन की काउंसिलिंग की तिथि 22 की जगर 28 जुलाई घोषित कर इसे एनआइसी की वेबसाइट पर डाल दिया। इतना ही नहीं इसमें 'निर्देशानुसार' शब्द का भी इस्तेमाल कर दिया गया।
इसे लेकर डीडीसी कंवल तनुज ने डीपीओ स्थापना से स्पष्टीकरण मांगा है कि कैसे बिना स्वीकृति काउंसिलिंग की तिथि घोषित कर दी गई। अब अगर इस भ्रामक जानकारी पर उक्त तिथि को अभ्यर्थियों द्वारा हंगामा किया गया तो विधि व्यवस्था बिगड़ने की जवाबदेही उनपर क्यों न निर्धारित कर दी जाए।
डीडीसी ने डीपीओ से मांगे स्पष्टीकरण में कहा कि आठ जुलाई को हुई बैठक में निर्देशित किया गया था कि पैनल समिति को नियोजन से जुड़े अभिलेख व प्रस्ताव उपलब्ध करा दिया जाए। इसके बाद 16 जुलाई की बैठक से दो दिन पहले भी पिछली बातों को स्मरण करा दिया गया। इसके बावजूद इस बैठक में विद्यालयवार रिक्ति की सूची दी नहीं दी गई। मेधा सूची भी अपूर्ण थी। इसमें किसी पदाधिकारी, कर्मियों न तो हस्ताक्षर था और न संबंधित पर्यवेक्षीय अधिकारी या कर्मियों द्वारा मेधा सूची के विशुद्ध होने का प्रमाण-पत्र। इन गंभीर कारणों को देखते हुए मेधा सूची पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। इस लापरवाही के कारण काउंसिलिंग की तिथि तय नहीं हो सकी। मगर, इसके बाद भी इसकी तिथि क्यों तय कर दी गई।
पल्ला झाड़ा, दिया गैर जिम्मेदाराना बयान
पिछले दिनों डीपीओ ने काउंसिलिंग की तिथि स्थगित किए जाने को लेकर कहा कि मेधा सूची तैयार थी। मगर, डीडीसी के अनुमोदन न होने से ऐसा किया गया। इसे लेकर भी डीडीसी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने डीपीओ से पूछा कि आपके स्तर से अभिलेख तैयार नहीं किया जा सका। मगर, पल्ला झाड़ते हुए उनपर जिम्मेदारी थोप दी। जबकि मेधा सूची का अनुमोदन पैनल समिति करती है। ऐसे में गैर जिम्मेदाराना बयान कैसे जारी किया गया। डीडीसी ने बयान को भ्रामक, असत्य व चिंताजनक बताते हुए भी डीपीओ से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही अनुशासनिक कार्रवाई की भी चेतावनी दी।
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