पटना.सीबीआई जांच की आड़ में 25 साल या उससे अधिक की सेवा के
पश्चात शिक्षिकाओं की बर्खास्तगी के आदेश को पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को
निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति ज्योति शरण की एकलपीठ ने राधा कुमारी सहित एक
दर्जन रिट याचिकाओं को मंजूर करते हुए उन टीचरों की सेवा खत्म करने वाले
आदेशों को ही अवैध करार दिया।
कोर्ट ने सम्बन्धित क्षेत्रीय शिक्षा निदेशकों को आदेश दिया की याचिकाकर्ताओं की सेवा फौरन बहाल की जाए। हाईकोर्ट ने शिक्षिकाओं को हटाने वाले आदेश को प्रथमदृष्टया असंवैधानिक माना। कहा कि जिनकी सेवा समाप्त की गई है उन पर न तो आरोप तय किये गये और न ही तय किये गए आरोपों को साबित करने के लिए विभागीय कार्यवाही का संचालन हुआ है। केवल कारण बताओ नोटिस जारी कर इनसे सफाई मांगी गई।
नेताओं की सिफारिश पर मिली थी नौकरी
शिक्षा
विभाग ने सेवानिवृत्ति के कगार पर 185 शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने
बर्खास्त कर दिया। सभी निम्न अवर शिक्षा सेवा की महिला शिक्षिकाएं हैं
जिनकी नियुक्ति 1980-98 के बीच हुई। बर्खास्तगी का आधार सीबीआई की जांच
रिपोर्ट मानी गई है। जांच एजेंसी को 305 मामले सौंपे गए थे जिनमें उसे 186
शिक्षकों के ही मूल आवेदन प्राप्त हुए। 70 के मामले झारखंड चले गए हैं। 25
मामलों में सीबीआई को कोई रिकार्ड ही हासिल नहीं हुआ।
सीबीआई ने पाया था दोषी
सीबीआई ने अनियमित नियुक्तियों को शिक्षा विभाग के सिस्टम का दोष माना है। कहा है सक्षम पदाधिकारी शिक्षकों की नियुक्ति का कोई समेकित नियम नहीं बना सकें। इसी का फायदा लोगों ने उठाया और सीएम, मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों की सिफारिश पर नौकरी दे दी।