बेरोजगारों ने रोका तेजस्वी का काफिला, शिक्षक अभ्यर्थियों ने याद दिलाया 10 लाख नौकरी का वादा

 बिहार में नीतीश तेजस्वी की सरकार बनते ही 10 लाख नौकरी का मुद्दा तेजी से उठ रहा है. तेजस्वी के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार के बेरोजगार युवक को नौकरी की आस जगी है. जिसके बाद युवा हर रोज तेजस्वी को उनके वादे याद दिला रहे हैं. मंगलवार को बेरोजगारों की भीड़ ने पटना में तेजस्वी यादव को घेर लिया. यहां शिक्षक अभ्यर्थियों ने तेजस्वी यादव के काफिले को उनके आवास से निकलते ही रोक लिया और उन्हें उनके वादे याद दिलाने के साथ ही नियुक्ति से जुडी प्रक्रिया पर ज्ञापन सौंपा.

बेरोजगारों की भीड़ से घिरने के बाद तेजस्वी यादव भी ने अपनी कार का दरवाजा खोला और उनकी बातों को सुना और उनसे ज्ञापन लिया. इसके साथ ही उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से गौर करेगी और जल्द ही इस दिशा में काम होगा.

तेजस्वी ने बेहिचक सुनी उनकी बातें

तेजस्वी यादव यहां कुछ देर तक युवाओं के बीच रूके और फिर अपने काफिल के साथ रवाना हो गए. तेजस्वी के जाने के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों ने भी आशा जताई कि वह अपने वादे पर खड़े उतरेंगे और और उनकी नौकरी से जुड़ी मांगो पर जल्द कोई फैसला लेंगे. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना कि उन्हें महीनों से इंतजार कराया जा रहा है. पिछले कई महीनों से बार बार नियुक्ति को लेकर सिर्फ आश्वान ही मिला है. ऐसे में वे अब तेजस्वी यादव से उम्मीद लगाए हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि वह उनकी मांगों को पूरा करेंगे.

तेजस्वी यादव का कलम हेरा गया है

इससे पहले तेजस्वी यादव पर एक शिक्षक अभ्यर्थी ने तंज भी किया था. बीते सोमवार को एडीएम केके सिंह की हैवानियत का शिकार हुए शिक्षक अभ्यर्थी अनीसुर रहमान ने कहा था कि लगता है तेजस्वी यादव का कलम हेरा गया है

PA से मांग लें कलम

इसलिए वह नौकरी की फाइल पर सिग्नेचर नहीं कर पा रहे हैं. अनीसुर रहमान ने तेजस्वी यादव पर तंज करते हुए कहा कि अगर उनका अपना कलम खो गया है तो पीए से कलम मांगकर नौकरी की फाइल पर साइन कर दें. दरअसल तेजस्वी यादव ने 2020 विधानसभा चुनाव में सरकार बनते ही 10 लाख नौकरी की फाइल पर पहली कैबिनेट में साइन करने का वादा किया था.