पूर्णिया। हाई स्कूलों को उत्क्रमित कर इंटर विद्यालय तो बना दिया गया
लेकिन एक दशक बीतने के बाद भी विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति
नहीं हो सकी है।
जिसके कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर प्रश्नचिह्न लगता दिख रहा है। बनमनखी अनुमंडल के जानकीनगर अन्तर्गत चादपुर भंगहा, रामपुर तिलक, लादूगढ, रूपौली, नौलखी, गंगापुर रामनगर फरसाही कई उच्च विद्यालय हैं जिन्हें उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त किए हुए वषरें गुजर गए लेकिन अबतक इन विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। कुछ विद्यालयों में प्रयोगशाला तो है लेकिन आज तक प्रायोगिक कक्षा संचालित नहीं हो रही है। रामपुर तिलक स्थित मध्य विद्यालय को करीब छह साल पहले ही उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। तब से लेकर आज तक वहा गणित और विज्ञान विषय की पढ़ाई नहीं हो रही है। छात्र एवं छात्राओं से मिली जानकारी अनुसार कोचिंग एवं प्राईवेट ट्यूशन के बल पर इन विषयों को छात्र पूरा कर रहे हैं। बीआर आंबेडकर आवासीय उच्च विद्यालय, जानकीनगर के प्रभारी प्रधानाध्यापक हलधर प्रसाद मंडल कहते हैं कि यहा 400 छात्र अध्ययन रत हैं। मिड्ल सेक्सन में एक भी शिक्षक नहीं हैं। कुल 9 यूनिट में सभी 6 शिक्षक हाई स्कूल के हैं। इन्हीं शिक्षकों को मिड्ल सेक्शन के छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। बताया कि हर माह होने वाली प्रमंडल स्तरीय बैठक में शिक्षकों की कमी का प्रतिवेदन समर्पित किया जाता है, बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। यही स्थिति अन्य क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों की है, जहा बिना विषयवार शिक्षकों के ही छात्र व छात्रा अपनी पढ़ाई करते हैं। चादपुर भंगहा, सहुरिया सुभाय मिलिक, बोडारही आदि क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों की दशा भी लगभग ऐसी ही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों ने विद्यालयों में विषयवार शिक्षक देने की मांग की है।
जिसके कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर प्रश्नचिह्न लगता दिख रहा है। बनमनखी अनुमंडल के जानकीनगर अन्तर्गत चादपुर भंगहा, रामपुर तिलक, लादूगढ, रूपौली, नौलखी, गंगापुर रामनगर फरसाही कई उच्च विद्यालय हैं जिन्हें उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त किए हुए वषरें गुजर गए लेकिन अबतक इन विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। कुछ विद्यालयों में प्रयोगशाला तो है लेकिन आज तक प्रायोगिक कक्षा संचालित नहीं हो रही है। रामपुर तिलक स्थित मध्य विद्यालय को करीब छह साल पहले ही उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। तब से लेकर आज तक वहा गणित और विज्ञान विषय की पढ़ाई नहीं हो रही है। छात्र एवं छात्राओं से मिली जानकारी अनुसार कोचिंग एवं प्राईवेट ट्यूशन के बल पर इन विषयों को छात्र पूरा कर रहे हैं। बीआर आंबेडकर आवासीय उच्च विद्यालय, जानकीनगर के प्रभारी प्रधानाध्यापक हलधर प्रसाद मंडल कहते हैं कि यहा 400 छात्र अध्ययन रत हैं। मिड्ल सेक्सन में एक भी शिक्षक नहीं हैं। कुल 9 यूनिट में सभी 6 शिक्षक हाई स्कूल के हैं। इन्हीं शिक्षकों को मिड्ल सेक्शन के छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। बताया कि हर माह होने वाली प्रमंडल स्तरीय बैठक में शिक्षकों की कमी का प्रतिवेदन समर्पित किया जाता है, बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। यही स्थिति अन्य क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों की है, जहा बिना विषयवार शिक्षकों के ही छात्र व छात्रा अपनी पढ़ाई करते हैं। चादपुर भंगहा, सहुरिया सुभाय मिलिक, बोडारही आदि क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों की दशा भी लगभग ऐसी ही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अभिभावकों ने विद्यालयों में विषयवार शिक्षक देने की मांग की है।