पटना [राज्य ब्यूरो]। सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार को
एक बार फिर बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के समान वेतन पर
सुनवाई होगी। अभय मनोहर सप्रे और उदय उमेश ललित की खंडपीठ पिछले 17 दिन से
इस मामले में दोनों पक्षों के तर्क सुन रही है। संभावना है बुधवार को
सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल वेणुगोपाल केंद्र सरकार का पक्ष रख सकते
हैं।
इस मामले में अब तक बिहार सरकार के वकीलों ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट
को बताया है कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों के वेतन में अधिकतम 20 फीसद
की वृद्धि कर सकती है। इससे अधिक वेतन वृद्धि इस वजह से संभव नहीं क्योंकि
बिहार की आर्थिक बहुत अच्छी नहीं है।
दूसरी ओर नियोजित शिक्षक संगठनों के वकीलों ने कोर्ट में शिक्षकों की
आर्थिक स्थिति और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का हवाला देकर नियोजित शिक्षकों के
लिए समान वेतन की मांग की है।
30 अगस्त को इस मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान पूर्व सॉलिसिटर जनरल
रंजीत कुमार ने नियोजित शिक्षकों का पक्ष रखते हुए न्यायाधीश द्वय से आग्रह
किया था कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को भी स्थायी शिक्षकों की भांति
समान सुविधा और समान वेतन दिया जाए। बुधवार को एक बार फिर इस मामले की
सुनवाई होनी है।