मैटिक और इंटरमीडियट परीक्षा में लडकियों की संख्या में वृद्धि शुभ संकेत : मंत्राी

पटना, 8 मार्च :भाषा: बिहार के शिक्षा मंत्राी अशोक चौधरी ने आज कहा कि प्रदेश में आयोजित मैटिक और इंटरमीडियट की परीक्षाओं में करीब 50 प्रतिशत छात्रााओं के शामिल होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में शुभ संकेत हैं।
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2017..18 के लिए शिक्षा विभाग के 25,251.38 करोड रूपये के बजटीय मांग पर वाद..विवाद के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि उन्हें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि आज 8 मार्च को अंतर्राष्टीय महिला दिवस के अवसर पर वे सदन में शिक्षा से संबंधित मुद्दों एवं शिक्षा पर प्रस्तावित व्यय के संबंध में मांग पर अपना वक्तव्य दे रहे हैं।
उन्होंने आज के दिन को एेतिहासिक बताते हुए कहा कि अन्तर्राटीय महिला दिवस महिला एवं लड़कियों का दिवस है, लिंगभेद विरोध का दिवस है और महिलाओं के सशक्तीकरण का दिवस है।
चौधरी ने कहा कि बेटियों को पढाने और आगे बढाने के संकलप का दिवस है। इस एेतिहासिक दिवस पर वे सभी महिलाओं को, बेटियों को शुभकामना देते हैं और उनके चतुर्दिक उन्नति के लिये उनका आवान करते हैं।
उन्होंने कहा कि 2017 की मैटिक की परीक्षा में 898256 बालक एवं 867471 बालिकायें, इण्टर की परीक्षा में 704868 बालक एवं 556925 बालिकायें शामिल हुई हैं।
चौधरी ने कहा कि लगातार बिहार में लडकियां मैटिक एवं इण्टर की परीक्षा में अधिक से अधिक की संख्या में शामिल हो रही हैं और 2017 की मैटिक की परीक्षा में लडकियों की भागीदारी 49 प्रतिशत एवं इण्टर में 44 प्रतिशत रही है अर्थात आधी आबादी अपनी आधी हिस्सेदारी प्राप्त करने जा रही है।
चौधरी ने प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्रा में किए गए कार्याें और अपने विभाग के आगे की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार के लिये यह हर्ष की बात है कि 6-14 आयु वर्ग के लगभग 99 प्रतिशत बच्चे स्कूलों में नामांकित हैं।