चतरा : आंदोलित पारा शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है।
राज्य परियोजना निदेशक मुकेश कुमार के निर्देश के आलोक में जिला शिक्षा
अधीक्षक दुर्योधन महतो ने आंदोलित पारा शिक्षकों को वापस लौटने के लिए 4
नवंबर तक का समय सीमा निर्धारित किया है।
यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर पारा शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में वापस नहीं लौटते हैं, तो वैसे परिस्थिति में उनके खिलाफ चयनमुक्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में स्पष्ट रूप से यह निर्णय लिया गया कि अनुपस्थित पारा शिक्षक चार नवंबर को 2:00 बजे तक अपने-अपने विद्यालयों में योगदान देना सुनिश्चित करें। निर्णय के आलोक में जिला शिक्षा अधीक्षक ने सभी ग्राम शिक्षा समितियों को एक पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि निर्धारित समय अवधि के भीतर योगदान नहीं करने वाले पारा शिक्षकों को चयनमुक्त कर रिपोर्ट झारखंड शिक्षा परियोजना के स्थानीय कार्यालय को समर्पित करें। ज्ञात हो कि जिले के 3942 पारा शिक्षक 17 सितंबर से मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण जिले की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उत्क्रमित प्राथमिक, उत्क्रमित मध्य एवं मध्य विद्यालयों में पारा शिक्षक पदस्थापित हैं। 1885 विद्यालयों में पारा शिक्षकों का पदस्थापन है। जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि आंदोलित पारा शिक्षकों के लिए यह अंतिम चेतावनी है। यदि इसके बाद भी वह काम नहीं लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित है।
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यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर पारा शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में वापस नहीं लौटते हैं, तो वैसे परिस्थिति में उनके खिलाफ चयनमुक्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में स्पष्ट रूप से यह निर्णय लिया गया कि अनुपस्थित पारा शिक्षक चार नवंबर को 2:00 बजे तक अपने-अपने विद्यालयों में योगदान देना सुनिश्चित करें। निर्णय के आलोक में जिला शिक्षा अधीक्षक ने सभी ग्राम शिक्षा समितियों को एक पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि निर्धारित समय अवधि के भीतर योगदान नहीं करने वाले पारा शिक्षकों को चयनमुक्त कर रिपोर्ट झारखंड शिक्षा परियोजना के स्थानीय कार्यालय को समर्पित करें। ज्ञात हो कि जिले के 3942 पारा शिक्षक 17 सितंबर से मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण जिले की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उत्क्रमित प्राथमिक, उत्क्रमित मध्य एवं मध्य विद्यालयों में पारा शिक्षक पदस्थापित हैं। 1885 विद्यालयों में पारा शिक्षकों का पदस्थापन है। जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि आंदोलित पारा शिक्षकों के लिए यह अंतिम चेतावनी है। यदि इसके बाद भी वह काम नहीं लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित है।
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