नियोजन इकाइयों के रवैये से जांच पर आंच : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

बक्सर । हाईकोर्ट के आदेश पर फर्जी तरीके से बहाल नियोजित शिक्षकों की जाच विजिलेंस द्वारा की जा रही है। इसके लिए सभी बीआरसी से नियोजित शिक्षकों से शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की छायाप्रति की माग की गई है।
लेकिन, नावानगर प्रखंड मे बार-बार निर्देश के बाद भी किसी भी पंचायत नियोजन इकाई द्वारा शिक्षकों से संबंधित कागजात जमा नहीं किए गए है। जिससे निगरानी द्वारा मागी गई नियोजित शिक्षकों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने मे विभाग को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीआरसी सुत्रो से की माने तो लगभग 35 शिक्षकों से अभी तक अपना शैक्षणिक प्रमाणपत्र जमा नहीं किया है। प्रखंड मे 2003 से लेकर अब तक बहाल नियोजित शिक्षकों की संख्या 607 है। इन शिक्षको का डाटाबेस बीआरसी द्वारा तैयार किया जा रहा है। शिक्षकों से तीन प्रति में प्राप्त प्रमाणपत्रों के आधार पर चालीस कालम वाले फार्म भरने का काम बीआरसी में चल रहा है। इधर जाच टीम द्वारा भेजी गई 84 कालम का प्रपत्र सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को भेज दी गई है। जिसे 25 जून तक सीआरसी के माध्यम से बीआरसी में जमा करना है। लेकिन, कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाते फर्जी शिक्षक तू डाल-डाल मै पात-पात की तर्ज पर जाच कोर्ट विजिलेंस द्वारा फर्जी करार दे नौकरी से हटाने की बात कहते कहा कि हम क्यों अपने आपको फर्जी कहें। शिक्षक आज भी अधिकारियों से मिलीभगत बनाकर अपने आपको बचाने मे जुटे है।
कहते है बीईओ
कई बार माग के बाद भी पंचायत सचिवों द्वारा नियोजित शिक्षकों से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया है। प्रखंड शिक्षकों से संबंधित अभिलेखों का डाटाबेश लगभग तैयार हो चला है। जिसे जल्द जाच टीम को सौंपा जाएगा।
उमेश कुमार सिंह, बीईओ, नावानगर।


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