नालंदा। गुणात्मक व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार पानी की तरह पैसे बहा रही है। बावजूद शिक्षा की बदहाली में सुधार आता नहीं दिख रहा। सरमेरा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय प्रणावां बिगहा में एक ही कमरे में 183 बच्चों को शिक्षा देना किसी यातना से कम नहीं कहा जा सकता। सरकार की सारी कोशिशें नाकाम नजर आ रही है। एक तरफ सरकार बच्चों की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई देने की ढोल पीट रही है।
वहीं दूसरी तरफ न बच्चों को समुचित शिक्षा मिल पा रही है न बैठने का पर्याप्त जगह। इस विद्यालय में मात्र एक ही कमरा है। शिक्षकों की संख्या 3 है। स्कूल में छात्र-छात्राओं की संख्या 183 है। कक्षा में न फर्नीचर है न दरी, अभावग्रस्त बच्चे ठंड में भी जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को बाध्य हैं।
प्रधानाध्यापिका उषा कुमारी कहती हैं कि नये भवन के लिए कई बार विभाग को लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक सरकारी स्तर पर कुछ भी नहीं किया जा सका है। स्कूल की बाल सांसद पूजा कुमारी एवं उप बाल संासद जया कुमारी मायूस दिखी। उन्होंने कहा कि जब विद्यालय में बैठने तक की जगह नहीं है तो खेलकूद की बात करना बेमानी है। बच्चों ने बताया कि बरसात के मौसम में कठिनाई और भी बढ़ जाती है।
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