Random-Post

दारोगा से एसएसपी तक छात्रों की लेंगे क्लास, अफसर बनने की देंगे ट्रेनिंग

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। यूनिवर्सिटी कैंपस के लिए शनिवार का दिन छात्रों के लिए यादगार रहा। विश्वविद्यालय के पीजी हॉस्टल में एसएसपी मनोज कुमार स्वयं मुखातिब थे।
अवसर था पुलिस-जनसंवाद गोष्ठी का। पीजी छात्रों के छात्रावास-एक में छात्रों के बीच उपस्थित एसएसपी कभी पुलिस अफसर तो कभी शिक्षक की भूमिका में नजर आए। छात्रों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया तो उनमें सुरक्षा का भाव जगाया, जोश और जज्बा भी खूब भरा। पढ़ाई के नाम पर शरारत करने वालों को अपने अंदाज में नसीहतें भी दीं। यह भी कहा कि हम दोस्ती का हाथ बढ़ाने आए हैं, एक अच्छा मौका है।
    बोले यह सब मैं इसलिए बोल रहा हूं कि अपराध और सुरक्षा भी यहीं से होती है। मेरी यह कोशिश संवादहीनता खत्म करने का एक प्रयास है। यह अंतिम दिन नहीं है, बल्कि अभी तो शुरुआत हुई है। चेन छिनतई, बाइकर्स गैंग, कहीं अंधेरा है कहीं असुरक्षा, कहीं अतिक्रमण जैसी शिकायतों पर एसएसपी ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी गठित की जाएगी और वीसी से मिलकर सुरक्षा ऑडिट होगा।
    हम सभी हॉस्टलों की विजिट करेंगे। गोष्ठी में छात्रावास नायक रणवीर, सनी कुमार, ठाकुर प्रिंस, नवनती, रुपेश, कुंदन, मुकुल, हरेंद्र, अभिजीत, विनित समेत बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे। वहीं, शिक्षक के तौर पर छात्रावास अधीक्षक प्रो. ललन कुमार झा, डॉ. पंकज कुमार के अलावा प्राचार्य प्रो.ओपी राय, प्रो.गजेंद्र कुमार भी मौजूद थे।

एसएसपी बोले, मैं खुद भी आपके लिए उदाहरण
मैं बहुत साधारण आदमी हूं। साइकिल चलाकर स्कूल व कॉलेज जाता था। आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली गया और अब इस पद पर हूं। अंदर और बाहर की ताकत से यह कहने में सक्षम हूं कि मेरी ये बातें एक सामान्य आदमी की आवाज है, एक विद्यार्थी की आवाज है। एसएसपी इसलिए बोल रहा है कि उसकी बात आप सुनेंगे। ये मौके बार-बार नहीं आते। मैं बता देता हूं कि तारीख उसी को याद रहती है, जो जीवन में सफल रहता है। एक ही लाइन कहना चाहूंगा जो इस कैंपस में मेहनत करके पढ़ाई नहीं कर सका वो कुछ नहीं कर सकता।

पुलिस से पढ़े 54 विद्यार्थी बने अफसर
भागलपुर में मैंने रेग्युलर एक हजार विद्यार्थियों की क्लास ली। खाली समय में पढ़ाते थे। हमारे दारोगा, इंस्पेक्टर, डीएसपी व एसपी भी पढ़ाते थे। एक एग्जाम सब-इंस्पेक्टर का निकला तो उसमें हमारे पढ़ाए 54 विद्यार्थी एक बैच में पासआउट हुए। किसी प्राइवेट कोचिंग के बस की यह बात नहीं है और वो भी बिना फूटी पाई खर्च के। लेक्चरर-प्रोफेसर के साथ बैठेंगे, उनकी बात सुनेंगे और सिलेबस तय करेंगे कि क्या और कैसे पढ़ाया जाए कि प्रतियोगी परीक्षाएं कंप्लीट हो जाएं। पढ़ाने के लिए डॉक्टर, इंजीनियङ्क्षरग व पुलिस अफसर रिसोर्स पर्सन मुफ्त में रहेंगे। आज के दिन प्रतिबद्धता जाहिर करता हूं कि पुलिस पाठशाला हम लोग शुरू करेंगे।

ड्यूक हॉस्टल व पीजी हॉस्टल के छात्र सुधारें अपनी छवि

छात्रों ने जब कहा कि हमारे छात्रावास के बारे में अफवाह उड़ाई जाती है कि वहां अधिकतर गुंडे-बदमाश रहते हैं। एसएसपी ने माना कि नब्बे फीसद साकारात्मक काम होता है, जिसको सोशल मीडिया पर हाईलाइट करने की जरूरत है। अपनी छवि सुधारना आपके हाथ में है। एसएसपी-डीएम के लिए भी ड्यूक व पीजी हॉस्टल चिंता का सबब बराबर से रहा है। यहां से शिकायत नहीं अच्छाई बाहर जाए खुद को ऐसा बनाना है।

Recent Articles