पकरीबरावां.
प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी कार्यालय में 2012 के प्रखंड शिक्षक नियोजन
में 2015 में नियुक्त शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में शिक्षकों के फोल्डर की
जांच व सत्यापन बीइओ गीता कुमारी, बीडीओ रवि जी व जेपीएस गौरव कुमार की
उपस्थिति में प्रारंभ की गयी. कुल नियोजित 12 शिक्षकों में मात्र सात
शिक्षक ही कार्यालय में अपनी नियुक्त पत्र व शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण
पत्र दिखाने को लेकर उपस्थित हो सके. शेष का अता पता नहीं चल सका. इधर,
मौके पर ही जांच के दौरान एक बड़े सच का खुलासा हो सका है.
शिक्षक नियोजन में मेधा सूची के अनुमोदन में विकलांग सीट से 50
प्रतिशत विकलांग रहे विकास कुमार जो की मुख्यालय के रहनेवाले हैं, उन्हें
नियोजन इकाई द्वारा नियुक्त पत्र न देकर उनसे कम विकलांगता की छूट वाले
उम्मीदवार विजय कुमार जिन्हें 40 प्रतिशत विकलांग होने का प्रमाण है तथा
उन्हें विकास से कम अंक भी प्राप्त है, वह मेधा में आगे होने के बाद भी
शिक्षक नहीं बन पाये.
जांच के दौरान उक्त शिक्षक जो की उत्क्रमित मध्य विद्यालय महनाजीतपुर
में कार्यरत हैं, वे बीडीओ द्वारा उनकी स्नातक प्रतिष्ठा में ली गयी विषय
की स्पेलिंग पूछे जाने पर असमर्थता जाहिर की. उन्होंने लिखकर दिखाने की बात
कही. बीडीओ ने कहा कि जांच के दौरान अभी तक जो मामला सामने आये हैं उससे
स्पष्ट हो रहा है कि उक्त शिक्षक नियोजन में भारी फर्जीवाड़ा है. यह जल्द
ही उजागर कर दिया जायेगा.
इधर, बीडीओ रवि जी ने बताया की सभी शिक्षक उत्क्रमित मध्य विद्यालय के
हैं. इनका प्रमाण पत्र जांच की जानी है. इनमें डोला के पुुरुषोत्तम कुमार,
कबला की पिंकी कुमारी, मेघीपुर के राकेश कुमार, बेलखुंडा के रामाकांत
प्रसाद, धेवधा की ज्योती कुमारी, ढोढ़ा की सुनीता कुमारी, एरूरी के हिमांशु
भूषण कुमार, जसत के पप्पू कुमार झा, महनाजीतपुर के विजय कुमार, सिलौर के
शैलेश कुमार रवि, गुलनी की स्नेहलता शामिल हैं.
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