सुपौल. प्रदेश के आह्वान पर अखिल भारतीय विद्यार्थी
परिषद ने बिहार सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए शुक्रवार को महायज्ञ
का आयोजन किया। इसमें सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर हवन के साथ सरकार
को सदबुद्धि देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
अभाविप के विश्वविद्यालय संयोजक भवेश झा ने कहा एसटीईटी परिणाम को रद्द कर हजारों छात्रों के भविष्य को कुचलने का काम किया है। कहा कोविंड-19 के इस भीषण महामारी के समय एक ओर छात्र, अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो दूसरी ओर किराएदार व निजी शिक्षण संस्थान के मालिक शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं। इस परिस्थिति में सरकार को मौन रहना शर्मनाक है।
विभाग संयोजक शिवजी कुमार ने कहा कि सुशासन के 15 वर्षों के शासनकाल में भर्ती के लिए जो परीक्षाएं हुई है, उनमें 95 प्रतिशत से अधिक परीक्षाएं विवादों में रहा है। इसके जिम्मेदार होंगे। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय शिक्षक विहीन होते जा रहे हैं। बिना शिक्षक का छात्र कैसे पढ़ रहे हैं। इसके जिम्मेदार कौन है। न समय से परीक्षा हो रही है और न समय से परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। नहीं तो अभाविप का चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर सभी कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्यक्रम में भाग लिए। जिसमें मुख्य रूप से प्रो. रामकुमार कर्ण, अरूण कुमार, शंकर कुमार, नितेश जय, मोसम कुमार, आशिश कुमार आदि शामिल थे।
सुशासन में 95% परीक्षा विवादों में रही : अभाविप
वीरपुर | अभाविप प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर शुक्रवार को नगर इकाई वीरपुर के द्वारा पूर्व कोशी विभाग प्रमुख सुबोध कुमार शर्मा के आवास पर सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें दर्जनों छात्र-छात्राओं ने हवन कर ईश्वर से सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। विश्वविद्यालय संयोजक भवेश झा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा बिहार सरकार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा(एसटीईटी) परिणाम को रद्द कर हजारों छात्रों के भविष्य को कुचलने का काम किया है। उन्होंने कहा कोविंड-19 के इस भीषण महामारी के समय जहां एक ओर छात्र और अभिभावक दोनों ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर किराएदार व निजी शिक्षण संस्थान के मालिक शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में सरकार को मौन रहना शर्मनाक है। नगर मंत्री नितेश जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि सुशासन के 15 वर्षों के शासनकाल में भर्ती के लिए जो परीक्षाएं हुई हैं उसमें से 95% से अधिक परीक्षाएं विवादों में रही है। मौके पर पूर्व विभाग प्रमुख सुबोध कुमार शर्मा, अभिषेक राय, विमल कुमार, मनोज कुमार, रंजीत कुसवाहा लक्की सिंह व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अभाविप के विश्वविद्यालय संयोजक भवेश झा ने कहा एसटीईटी परिणाम को रद्द कर हजारों छात्रों के भविष्य को कुचलने का काम किया है। कहा कोविंड-19 के इस भीषण महामारी के समय एक ओर छात्र, अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो दूसरी ओर किराएदार व निजी शिक्षण संस्थान के मालिक शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं। इस परिस्थिति में सरकार को मौन रहना शर्मनाक है।
विभाग संयोजक शिवजी कुमार ने कहा कि सुशासन के 15 वर्षों के शासनकाल में भर्ती के लिए जो परीक्षाएं हुई है, उनमें 95 प्रतिशत से अधिक परीक्षाएं विवादों में रहा है। इसके जिम्मेदार होंगे। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय शिक्षक विहीन होते जा रहे हैं। बिना शिक्षक का छात्र कैसे पढ़ रहे हैं। इसके जिम्मेदार कौन है। न समय से परीक्षा हो रही है और न समय से परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। नहीं तो अभाविप का चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। मौके पर सभी कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्यक्रम में भाग लिए। जिसमें मुख्य रूप से प्रो. रामकुमार कर्ण, अरूण कुमार, शंकर कुमार, नितेश जय, मोसम कुमार, आशिश कुमार आदि शामिल थे।
सुशासन में 95% परीक्षा विवादों में रही : अभाविप
वीरपुर | अभाविप प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर शुक्रवार को नगर इकाई वीरपुर के द्वारा पूर्व कोशी विभाग प्रमुख सुबोध कुमार शर्मा के आवास पर सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें दर्जनों छात्र-छात्राओं ने हवन कर ईश्वर से सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। विश्वविद्यालय संयोजक भवेश झा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा बिहार सरकार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा(एसटीईटी) परिणाम को रद्द कर हजारों छात्रों के भविष्य को कुचलने का काम किया है। उन्होंने कहा कोविंड-19 के इस भीषण महामारी के समय जहां एक ओर छात्र और अभिभावक दोनों ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर किराएदार व निजी शिक्षण संस्थान के मालिक शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में सरकार को मौन रहना शर्मनाक है। नगर मंत्री नितेश जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि सुशासन के 15 वर्षों के शासनकाल में भर्ती के लिए जो परीक्षाएं हुई हैं उसमें से 95% से अधिक परीक्षाएं विवादों में रही है। मौके पर पूर्व विभाग प्रमुख सुबोध कुमार शर्मा, अभिषेक राय, विमल कुमार, मनोज कुमार, रंजीत कुसवाहा लक्की सिंह व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।