आरा। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करने
वाले अभ्यर्थी शिक्षक नियोजन में आवेदन करने की छूट सहित अन्य मांगों को
लेकर 25 सितंबर को पटना के गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन करेंगे।
इसको लेकर संबंधित डीएलएड उतीर्ण अभ्यर्थियों की एक बैठक अनुमंडल मुख्यालय स्थित जुबली पार्क में आयोजित की गई। जावेद अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक के दौरान एनआइओएस से डीएलएड का प्रशिक्षण लेने वालों ने कहा कि यदि दो वर्षीय डीएलएड कोर्स ही मान्य है तो फिर किस आधार पर लाखों शिक्षकों को 18 माह का डीएलएड कोर्स कराया गया। इसके लिए सरकार जिम्मेवार है न कि शिक्षक। यदि ऐसा है तो संबंधित अभ्यर्थियों को छह माह का संवर्धन कोर्स कराकर भी उनकी डीएलएड डिग्री को मान्यता दी जा सकती है। अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार पहले एनआइओएस से डीइएलएड करने वाले सभी को शिक्षक नियोजन में आवेदन की अनुमति दे और जिनका नियोजन होता है। उनसे छह महीने का संवर्धन कोर्स कराए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह लाखों अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी होगी। इस दौरान सभी से 25 सितंबर को पटना चलने की अपील की गई। बैठक में शामिल प्रमुख लोगों में चंदन कुमार, अनिल कुमार, सुमित कुमार, संतोष कुमार, राजेश कुमार, चंदन मल्होत्रा, राधेश्याम पांडेय, अनुप कुमार सिन्हा आदि थे।
इसको लेकर संबंधित डीएलएड उतीर्ण अभ्यर्थियों की एक बैठक अनुमंडल मुख्यालय स्थित जुबली पार्क में आयोजित की गई। जावेद अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक के दौरान एनआइओएस से डीएलएड का प्रशिक्षण लेने वालों ने कहा कि यदि दो वर्षीय डीएलएड कोर्स ही मान्य है तो फिर किस आधार पर लाखों शिक्षकों को 18 माह का डीएलएड कोर्स कराया गया। इसके लिए सरकार जिम्मेवार है न कि शिक्षक। यदि ऐसा है तो संबंधित अभ्यर्थियों को छह माह का संवर्धन कोर्स कराकर भी उनकी डीएलएड डिग्री को मान्यता दी जा सकती है। अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार पहले एनआइओएस से डीइएलएड करने वाले सभी को शिक्षक नियोजन में आवेदन की अनुमति दे और जिनका नियोजन होता है। उनसे छह महीने का संवर्धन कोर्स कराए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह लाखों अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी होगी। इस दौरान सभी से 25 सितंबर को पटना चलने की अपील की गई। बैठक में शामिल प्रमुख लोगों में चंदन कुमार, अनिल कुमार, सुमित कुमार, संतोष कुमार, राजेश कुमार, चंदन मल्होत्रा, राधेश्याम पांडेय, अनुप कुमार सिन्हा आदि थे।