फिर से होगी शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच

जमुई। अमान्य संस्थान द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र पर कार्य कर रहे शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा शिडयूल निर्धारित किया गया है। शिडयूल के तहत अमान्य संस्थान द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र पर कार्य कर रहे शिक्षकों की पहचान कर सेवा समाप्त करने की कार्रवाई प्रारंभ होगी।
ऐसे में वैसे शिक्षकों की बैचेनी बढ़ी है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक अर¨वद कुमार वर्मा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार हिमांशु व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना रंजीत पासवान को पत्र भेजकर इसका निर्देश दिया है। पत्र में बताया गया है कि उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में राज्य में अमान्य प्रमाण पत्र पर कार्य कर रहे शिक्षकों की पहचान कर अविलंब कार्रवाई की जाए। इसके लिए सभी शिक्षकों का निर्धारित प्रपत्र भरा जाना है। इसके अलावा अन्य स्रोतों से भी अमान्य व गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्राप्त डिग्री के आधार पर कार्यरत शिक्षकों की सेवा नियमानुसार समाप्त की जानी है। विभाग द्वारा इसके लिए 17 कॉलम के प्रपत्र का प्रारुप भी भेजा गया है। सभी कॉलम को भरने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा शिडयूल के अनुरुप 15 दिसम्बर तक बीईओ द्वारा विहित प्रपत्र में सूचना विद्यालय से प्राप्त करना है। 24 दिसम्बर तक विहित प्रपत्र को जिला कार्यालय को उपलब्ध कराना है। 15 जनवरी 2019 तक जिला द्वारा पूर्ण सूचना प्राप्ति की समीक्षा होगी। 25 जनवरी तक समीक्षा के उपरांत जिला द्वारा अमान्य डिग्रीधारक शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की जाएगी। 25 फरवरी तक की गई कार्रवाई की प्रथम सूचना विहित पत्र में मुख्यालय भेजा जाएगा। बता दें कि जिले में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में कुल 6120 नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं। इस संबंध में डीईओ विजय कुमार हिमांशु ने बताया कि अमान्य प्रमाण पत्र धारी शिक्षकों की पहचान को लेकर सभी बीईओ को निर्देश के आलोक में विहित प्रपत्र में वांछित प्रतिवेदन निर्धारित समय के अंदर स्थापना शाखा को उपलब्ध कराते हुए एक कॉपी कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।