वेतन के बिना सात हजार शिक्षकों में दशहरा का उत्साह फीका

बांका। अबकी दशहरा भी शिक्षकों का बिन वेतन गुजरेगा। सात हजार से अधिक शिक्षकों को दशहरा पर वेतन मिलने की उम्मीद खत्म हो गई। कुछ पर अधिकारियों की सुस्ती का ग्रहण लगा तो कुछ सरकार से पैसा नहीं भेजे जाने का संकट है। खैर जिसका आवंटन नहीं, उसे वेतन देना स्थानीय अधिकारियों के भी बस में नहीं है।
लेकिन, जिसका आवंटन रहने के बाद भी दो महीने से वेतन नहीं दिया जा सका, इसकी वजह संबंधित की मनमानी समझी जा सकती है। प्रारंभिक विद्यालयों में तैनात करीब 55 सौ शिक्षकों को जुलाई से ही वेतन नहीं मिला है। शिक्षकों को जिला को तीन महीने का आवंटन मिलने का इंतजार है। इसके बाद ही इस दिशा में कोई काम हो सकता है। उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को भी चार महीने से वेतन आवंटन के अभाव में नहीं मिला। सबसे खराब स्थिति माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के करीब 11 सौ शिक्षकों की है। इसका आवंटन जिला को कई महीने पूर्व से प्राप्त है। पर अगस्त का वेतन लंबित था। सितंबर के साथ दशहरा में उन्हें दो महीने का वेतन मिलने की उम्मीद थी। पर संबंधित अधिकारी और कर्मी की शिथिलता से इसका विपत्र मंगलवार को कोषागार पहुंच पाया। कोषागार की जानकारी के अनुसार अधिकारी के बाहर रहने से अब वेतन का बिल पास होना मुश्किल है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का वेतन भी अपडेट है। आशा कार्यकर्ताओं का कुछ भत्ता दशहरा पर मिलना था। जिसकी कोई उम्मीद नहीं है। समाहरणालय संवर्ग के अधिकांश अधिकारियों का वेतन पास हो गया है। दशहरा के पहले भुगतान हो जाएगा। संविदा पर बहाल कुछ कर्मी के लंबित वेतन भुगतान की प्रक्रिया जारी है।
कोट
सभी अधिकारियों को दशहरा पर सभी प्रकार के कर्मी को अनिवार्य रूप से वेतन भुगतान के लिए निर्देशित कर दिया गया है। जेल में आवंटन नहीं था। इसके लिए अधिकारी से फोन पर बात हुई है। जिस शिक्षक का आवंटन प्राप्त है, उसका भुगतान निश्चित रूप से कराया जाएगा। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मी को बख्सा नहीं जाएगा।


कुंदन कुमार, जिलाधिकारी