पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश के तकरीबन साढ़े तीन लाख
नियोजित शिक्षकों के समान काम, समान वेतन के मसले पर सर्वोच्च न्यायालय में
मंगलवार से फिर सुनवाई शुरू हुई। लेकिन, सुनवाई आज ज्यादा देर नहीं चल
सकी। अब सुनवाई कल फिर होगी। कोर्ट ने इस मसले पर अब तक राज्य सरकार का
पक्ष सुना है। 31 जुलाई से ही इस मामले में सुनवाई चल रही है।
मंगलवार से प्रारंभ हो रही सुनवाई के दौरान संभावना है कि कोर्ट केविएट
दायर करने वाले शिक्षक संगठनों के वकीलों का पक्ष सुने। कोर्ट ने इस बार की
सुनवाई में अब तक राज्य सरकार के वकीलों का पक्ष लिया है, जिसमें सरकार की
ओर से कोर्ट से एक बार फिर यह कहा गया कि राज्य की आर्थिक हालत ऐसी नहीं
कि नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की भांति सुविधा और वेतन दिया जा
सके।
कोर्ट में पूर्व में सौंपी गई रिपोर्ट में सरकार ने यह कहा है कि वह
प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को महज 20 फीसद की वेतन वृद्धि दे सकती है। वह
भी विशेष परीक्षा पास करने के बाद। मंगलवार से प्रारंभ हो रही सुनवाई के
दौरान शिक्षक संगठनों के वकील अपना पक्ष रखेंगे।
बता दें कि पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में पटना हाईकोर्ट ने नियोजित
शिक्षकों के हक में फैसला दिया और सरकार को कहा था कि वह नियोजित शिक्षकों
को नियमित शिक्षकों की भांति समान सुविधा दे। जिसके बाद राज्य सरकार
सर्वोच्च न्यायालय में अपील में गई है।