नियोजित शिक्षकों के वेतन का मामला, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

पटना। बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों की समान काम समान वेतन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। इस फैसले को लेकर राज्य के नियोजित शिक्षकों की निगाहें टिकी है। कोर्ट ने इस मसले पर अब तक राज्य सरकार का पक्ष सुना है। संभावना है कि आज शिक्षक संगठनों के वकील अपना पक्ष रख सकते हैं।


समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर पटना हाइकोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले केंद्र सरकार ने बिहार सरकार का समर्थन करते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन का विरोध किया था।

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20 फीसद वेतन वृद्धि पर सरकार राजी
सरकार के हलफनामे में कहा गया कि नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट में पूर्व में सौंपी गई रिपोर्ट में सरकार ने यह कहा है कि वह प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को महज 20 फीसद की वेतन वृद्धि दे सकती है।

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फैसले को लेकर शिक्षक संघों में  गहमागहमी
इधर, आज आने वाले फैसले को लेकर शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षक संघों में भी खासी गहमागहमी है। बिहार माध्ममिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने उम्मीद जताई है कि 31 जुलाई को आने वाला फैसला नियोजित शिक्षकों के हक में आएगा।