जमुई । जिले के हजारों नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान का मामला बिहार के
शिक्षा मंत्री के पास पहुंच चुका है। नियोजित शिक्षकों को ससमय वेतन नहीं
दिए जाने को एक गंभीर मामला मानते हुए कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के
विधान परिषद सदस्य डॉ. संजीव कुमार ¨सह तथा गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के
बिहार विधान परिषद
सदस्य संजीव श्याम ¨सह ने एक पत्र लिखकर शिक्षा मंत्री
से शीघ्र वेतन भुगतान करवाने की मांग की है। शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट
कराते हुए सदस्यों ने कहा है कि जमुई तथा बक्सर जिले के हजारों नियोजित
शिक्षकों के वेतन भुगतान में लापरवाही बरती जा रही है। पत्र में विधान सभा
सदस्यों ने स्पष्ट कहा है कि ईद के पहले ही डीपीओ स्थापना जमुई के खाते में
वेतन की राशि राज्य से भेज दी गई थी फिर भी अब तक वेतन भुगतान नहीं हो सका
है जो घोर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने कहा है कि कि जमुई जिले में
नियोजित शिक्षकों को मार्च महीने से ही वेतन भुगतान नहीं हो सका है जिसकी
पूरी जवाबदेही डीपीओ स्थापना पर है, इसलिए उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की
जाए तथा शीघ्र शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जाए। विदित हो कि जमुई जिले
में वेतन भुगतान तथा सातवें वेतन का लाभ लागू करने के लिए बीते कई महीने से
शिक्षकों द्वारा मांग की जा रही है परंतु इस ओर शिक्षा विभाग कोई ध्यान
नहीं दे रहा है, जबकि राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2017 से ही नियोजित
शिक्षकों को सातवां वेतन का लाभ देने का पत्र जारी कर दिया गया था परंतु
बीते 17 माह से सेवा पुस्तिका संधारण के नाम पर स्थापना डीपीओ द्वारा
नियोजित शिक्षकों टरकाया जा रहा है जिस कारण लगातार आक्रोश शिक्षकों का
बढ़ता जा रहा है। इस मामले में कई शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा
जिलाधिकारी से भी पूर्व में गुहार लगाई थी परंतु कोई बात नहीं बन सकी है।
सातवां वेतन का लाभ दिए जाने को लेकर खैरा प्रखंड के बीआरसी भवन में
तालाबंदी भी की गई थी जिसके बाद स्थापना डीपीओ रंजीत पासवान तथा बीईओ
मिथिलेश्वर शर्मा ने लिखित आश्वासन दिया था कि 20 दिनों के अंदर सातवां
वेतन का लाभ शिक्षकों को मिल जाएगा।