रोहतास। प्राथमिक विद्यालयों में अब छात्रों का अलग से कोई परिचय पत्र
नहीं बनेगा। उनके लिए अब आधार ही सर्वमान्य परिचय पत्र के रूप में काम
आएगा। इसे ले शिक्षा विभाग ने गाइड लाइन जारी डीईओ को इस दिशा में ठोस कदम
उठाने का निर्देश दिया है।
विभाग के इस फरमान से जिले के प्राथमिक व मध्य
विद्यालयों में पढ़ने वाले पांच लाख से अधिक बच्चों को राहत मिली है। कार्य
एजेंसी के माध्यम से बनाए जाने वाले परिचय पत्र में राशि वसूली की शिकायत
पर इस तरह का निर्णय लिया गया है। इससे आर्थिक दोहन से छात्रों व उनके
अभिभावकों को बचाने में सहूलियत मिलेगी। पहचान पत्र बनाने के नाम पर होती
थी अवैध वसूली :
अधिकृत एजेंसी द्वारा प्रारंभिक विद्यालयों में परिचय पत्र बनाने के
नाम पर 30 से 50 रुपये की वसूली की जाती थी। इसे ले विभाग के पास लगातार
शिकायतें पहुंचती थी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था। जिसमें कोर्ट ने
परिचय पत्र के नाम राशि वसूलना शिक्षा के अधिकार अधिनियम का खुलमखुला
उल्लंघन माना है। क्योंकि अधिनियम के तहत कक्षा एक से आठवीं तक नि:शुल्क
शिक्षा देने का प्रावधान है। पांच लाख से अधिक बच्चों को मिलेगा लाभ :
नए फरमान से जिले के प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले पांच लाख से
अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा। क्योंकि अब इन बच्चों को परिचय पत्र बनवाने के
झमेले से बचाव होगा। विभाग का मानना है कि आधार को एकीकृत पहचान पत्र के
रूप में मान्यता मिल चुकी है व अधिकांश छात्रों को आधार से जोड़ते हुए उनके
बैंक खाते को उससे ¨लक कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में दूसरा आइडी बनाने की
कोई जरूरत नहीं है। कहते हैं अधिकारी :
विभाग से प्रारंभिक विद्यालयों में नए सिरे से परिचय पत्र बनाने पर रोक
लगा दी है। आधार को आइडी के रूप में मान्यता दी है। यदि किसी संस्था
द्वारा स्कूल परिचय पत्र बनाने का कार्य किया जाता है, तो उस पर सख्त
कार्रवाई की जाएगी।
महेंद्र पोद्दार, डीईओ रोहतास।