पटना [राज्य ब्यूरो ]। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां बीपीएससी के स्थान पर अब राज्य
विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से होंगी। राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार
को बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2018 के प्रारूप
को मंजूरी दे दी। अब विधेयक विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा।
मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 39 प्रस्तावों पर विचार किया
गया। सूत्रों ने बताया कि शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद
मंत्रिमंडल ने विश्वविद्यालय सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2018 के प्रारूप को
मंजूरी दी। आयोग गठन के लिए पूर्व से स्वीकृत प्रस्ताव में यह व्यवस्था थी
कि विश्वविद्यालय और कॉलेज शिक्षकों की नियुक्तियां बिहार लोक सेवा आयोग
के स्थान पर विवि सेवा आयोग के माध्यम से हों। संशोधन के बाद इसमें नई
नियुक्तियां शब्द जोड़ा गया है।
यहां बता दें कि 2014 में सरकार ने बिहार लोक सेवा आयोग को
विश्वविद्यालय शिक्षकों के 3354 रिक्त पदों पर नियुक्ति की अधियाचना भेजी
थी। जिसमें से बीपीएससी ने तकरीबन 17 सौ पदों पर नियुक्तियां कर ली हैं।
आयोग गठन के बाद शेष नियुक्तियां इसके माध्यम से करने में नियुक्तियों में
विलंब की आशंका थी। साथ ही बिहार लोक सेवा आयोग से होने वाली नियुक्तियों
पर रोक भी लगानी होती। इस समस्या के समाधान के लिए यह फैसला हुआ है कि विवि
सेवा आयोग को नई नियुक्तियों की अधियाचना दी जाएगी। बीपीएससी को जिन
नियुक्तियों का प्रस्ताव दिया गया है वह बीपीएससी के माध्यम से ही होगी।
यहां बता दें कि 3354 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होने के बाद भी
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के करीब सात हजार चार सौ पद रिक्त रह जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि आयोग को इन इन नई नियुक्तियों के लिए अधियाचना भेजी
जाएगी।