बिना स्कूल आए हाजिरी बनाने के तरीके : जांच में हाजिरी फर्जी करने के कई तरीके

 Buxar News | Brahmpur:

जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के तमाम दावों के बीच एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बक्सर जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है। शिक्षा विभाग के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की जांच में खुलासा हुआ है कि सैकड़ों शिक्षक मोबाइल एप के जरिए फर्जी तरीके से हाजिरी बना रहे थे।

कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

जानकारी के अनुसार, यह मामला शिक्षा विभाग के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की निगरानी के दौरान सामने आया। जांच में पुष्टि हुई कि कई शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर स्कूल आए बिना ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। इस गंभीर अनियमितता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को दोषी शिक्षकों और संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

प्रधानाध्यापकों और कर्मियों की मिलीभगत

जांच में यह भी सामने आया है कि इस फर्जीवाड़े में प्रधानाध्यापकों और विद्यालय कर्मियों की मिलीभगत रही है। कई शिक्षक जो नियमित रूप से स्कूल से अनुपस्थित रहते थे, वे व्हाट्सएप पर अपनी फोटो भेजते थे। इसके बाद प्रधानाध्यापक स्कूल की आईडी से उनकी उपस्थिति दर्ज कर देते थे।

थर्ड पार्टी एप से बदली जा रही लोकेशन

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की हाजिरी के लिए लोकेशन आधारित ई-शिक्षा कोष एप लागू किया है, जिसमें स्कूल पहुंचने पर ही उपस्थिति दर्ज हो सकती है। लेकिन कुछ शिक्षकों ने थर्ड पार्टी एप का इस्तेमाल कर लोकेशन बदल दी और घर बैठे ही हाजिरी बना ली।
थर्ड पार्टी एप वे एप होते हैं जो गूगल प्ले स्टोर या एप्पल एप स्टोर के बाहर से डाउनलोड किए जाते हैं और सिस्टम की सुरक्षा को दरकिनार कर देते हैं।

बिना स्कूल आए हाजिरी बनाने के तरीके

जांच में हाजिरी फर्जी करने के कई तरीके सामने आए हैं—

  1. फोटो के जरिए फर्जी हाजिरी:
    शिक्षक अपनी फोटो व्हाट्सएप पर भेज देते हैं, जिसे एचएम मोबाइल स्क्रीन से अपलोड कर उपस्थिति दर्ज कर लेते हैं।

  2. मोबाइल स्कूल में छोड़ना:
    कुछ शिक्षक अपना मोबाइल स्कूल में ही छोड़ देते हैं। उनकी गैरमौजूदगी में सहकर्मी, रसोइया या टोला सेवक तक हाजिरी दर्ज कर देते हैं।

  3. गलत फोटो अपलोड करना:
    सेल्फी ऑटोमैटिक होने के बावजूद चेहरे का सही मिलान नहीं होने से शिक्षक स्कूल की इमारत, पेड़-पौधे या बच्चों की फोटो अपलोड कर हाजिरी बना लेते हैं।

क्या है शिक्षा विभाग का कंट्रोल एंड कमांड सेंटर

कंट्रोल एंड कमांड सेंटर शिक्षा विभाग की एक केंद्रीय निगरानी प्रणाली है, जो स्कूलों की गतिविधियों, शिक्षकों की उपस्थिति, अनुशासन और शिकायतों की निगरानी करता है।
टोल-फ्री नंबर के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों को संबंधित अधिकारियों तक भेजा जाता है और समय सीमा में कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। यह पूरा सिस्टम मुख्यालय से मॉनिटर होता है।

सख्त कार्रवाई के संकेत

इस पूरे मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि दोषी शिक्षक, प्रधानाध्यापक और जिम्मेदार अधिकारी किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे। जल्द ही निलंबन और विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

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