पटना।
बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए छुट्टी से जुड़ा बड़ा बदलाव किया है। अब शिक्षक फोन कॉल या व्हाट्सएप मैसेज भेजकर छुट्टी नहीं ले सकेंगे। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं।
📌 क्या है नया नियम
अब शिक्षकों को छुट्टी लेने के लिए लिखित आवेदन देना अनिवार्य होगा। केवल मौखिक सूचना, फोन कॉल या व्हाट्सएप मैसेज के आधार पर छुट्टी स्वीकृत नहीं की जाएगी।
🆕 मुख्य नियम एक नजर में
1️⃣ फोन/व्हाट्सएप से छुट्टी अमान्य
अब छुट्टी के लिए पूर्व लिखित आवेदन और सक्षम अधिकारी की स्वीकृति जरूरी होगी।
2️⃣ प्रधानाध्यापक की सीमा तय
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प्राथमिक विद्यालय में एक दिन में केवल 1 शिक्षक को छुट्टी दी जा सकेगी।
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मध्य और उच्च विद्यालयों में कुल स्टाफ के अधिकतम 10% को ही एक साथ छुट्टी मिलेगी।
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इससे अधिक छुट्टी के लिए उच्च अधिकारी की अनुमति जरूरी होगी।
3️⃣ आपात स्थिति में भी नियम लागू
आपात स्थिति में शिक्षक फोन या व्हाट्सएप से सूचना दे सकते हैं, लेकिन लिखित आवेदन देना फिर भी अनिवार्य होगा।
4️⃣ सालाना छुट्टी की सीमा
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एक शिक्षक को साल में अधिकतम 16 दिन आकस्मिक/आपात अवकाश मिलेगा।
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बीच सत्र में नियुक्त शिक्षकों को मासिक आधार पर छुट्टी दी जाएगी।
5️⃣ छुट्टी रजिस्टर अनिवार्य
हर स्कूल में शिक्षकों की व्यक्तिगत छुट्टी का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
🎯 सरकार ने यह नियम क्यों बनाया?
शिक्षा विभाग का मानना है कि कई स्कूलों में बिना उचित प्रक्रिया के छुट्टियाँ ली जा रही थीं, जिससे
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पढ़ाई प्रभावित हो रही थी
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छात्रों को नुकसान हो रहा था
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स्कूलों में अनुशासन कमजोर हो रहा था
इसी को ध्यान में रखते हुए यह सख्त निर्णय लिया गया है।
⚠️ नियम तोड़ने पर क्या होगा?
यदि कोई शिक्षक नियमों का उल्लंघन करता है, तो
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छुट्टी अमान्य मानी जा सकती है
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वेतन कटौती
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विभागीय कार्रवाई भी संभव है
📢 शिक्षकों के लिए जरूरी सलाह
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छुट्टी लेने से पहले लिखित आवेदन जरूर दें
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अनुमति मिलने के बाद ही अवकाश पर जाएँ
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स्कूल रिकॉर्ड में एंट्री सुनिश्चित करें