बेगूसराय, जागरण संवाददाता। राजद शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ओमर राय ने बताया है कि बिहार के सरकारी स्कूलों की दुर्दशा क्यों है, इसके जिम्मेदार कौन लोग हैं।
उन्होंने उपाय भी बताया कि कैसे इने हालात सुधरेंगे। बुधवार को बेगूसराय पहुंचे राजद नेता ने कहा कि, सरकारी स्कूलों की खराब व्यवस्था के लिए सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि ट्रेजरी से वेतन पाने वाले सभी पदाधिकारी-कर्मचारी के साथ नियोजित शिक्षक भी जिम्मेदार हैं। सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले कदम ये उठाया जाना चाहिए कि तमाम पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं नियोजित शिक्षकों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला एवं वर्ग कराया जाए।
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प्राइवेट स्कूलों ने साबित किया है कि वे हैं बेहतर
राजद नेता ने कहा कि घर का खर्च पूरा होने के बाद जिनके भी जेब में पांच सौ रुपये बच जाते हैं वे अपने बच्चे को सरकारी की जगह निजी स्कूल में भेजना पसंद करते हैं, चूंकि निजी स्कूल काफी मेहनत कर रहे हैं, उन्होंने साबित किया है कि वे हर प्रकार के विद्यार्थियों के भविष्य को निखारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते हैं। लोगों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा ही नहीं होता। इसका कारण भी है।
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टूट रहा शिक्षकों का मनोबल
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की वेतन विसंगतियां और सुविधाओं में दोहरी नीति पढ़ाने वाले शिक्षकों का मनोबल तोड़ देती हैं। उनसे पढ़ाई के बजाए सरकार दूसरा काम करवा रही है। इस कारण शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गुलाब चौधरी ने कहा कि दुनिया में फिनलैंड एक ऐसा देश है जहां पर शिक्षकों का वेतन हर अधिकारी से अधिक है। लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है। इसलिए शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पहले शिक्षक कों सम्मान देना होगा। राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव ने कहा कि शिक्षक प्रकोष्ठ इस पूरे माह में सदस्यता अभियान चलाएगा।