क्‍या भागलपुर के इन सात शिक्षकों की चली जाएगी नौकरी! दो रिमाइंडर के बाद भी दर्ज नहीं कराया मुकदमा

 जागरण संवाददाता, भागलपुर। शिक्षक नियोजन के दौरान सात अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाण के जरिये नौकरी हासिल करने की कोशिश की। जांच में सात अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी नियोजन इकाई को ऐसे सातों अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए थे। जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश के बावजूद अब तक ऐसे अभ्यर्थियों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका है।

कैसे सामने आया मामला

छठे चरण के शिक्षक नियोजन के बाद काउंसिलिंग के दौरान अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया गया। इस दौरान 12 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो सका। एक अभ्यर्थी को अहर्ता से कम अंक थे। इस कारण उनकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी गई। 11 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र के सत्यापन को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पटना कार्यालय को भेजा गया। जहां सात अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। बोर्ड से रिपोर्ट मिलने के बाद ऐसे सभी सात अभ्यर्थियों के खिलाफ संबंधित नियोजन इकाई को मुकदमा दर्ज कराने और मुकदमा का नंबर कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। दो बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ अब तक मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है।

इन अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र पाया गया फर्जी

अभ्यर्थी का नाम - मु. आजाद हुसैन, नीलू कुमारी, वाल्मिकी शर्मा, अफसाना तरन्नूम, प्रमोद कुमार, सुधा कुमारी, बिकेश कुमार। 

बोले जिला शिक्षा पदाधिकारी

फर्जी प्रमाण पत्र के जरिये नियोजन प्रक्रिया में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। आदेश के बाद भी अब तक किसी नियोजन इकाई ने मुकदमा दर्ज कराने की सूचना नहीं दी है। ऐसे में अब सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए जाएंगे। - संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी

दर्जन भर शिक्षकों पर स्पष्टीकरण

सबौर प्रखंड में सरकारी विद्यालयों का हाल बेहाल है। कहीं शिक्षक नहीं तो कहीं छात्र जैसे तैसे अनुशासन विहीन समय बिता रहे हैं। धरातल की हकीकत शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक सत्येंद्र झा के औचक निरीक्षण में दिखाई दिया। उपनिदेशक ने सबौर के चार स्कूल बालिका मध्यविद्यालय ममलखा, मध्यविद्यालय शंकरपुर, मध्यविद्यालय रानीदियरा और उच्चविद्यालय घोघा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में शिक्षक अनुपस्थित पाये गये। कुछ शिक्षक विलंब से पहुंचे। स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम पाई गई। कहीं कहीं छात्र बेतरतीब ढंग से बैठे मिले। मौके पर ही अधिकारी ने स्कूल प्रबंधन को हड़काया और कहा कि व्यवस्था में सुधार लाएं नहीं तो कड़ी कार्रवाई किया जाएगा। अचानक उपनिदेशक के पहुंचने से विद्यालयों में हड़कंप मच गया।

उधर, उपनिदेशक ने बताया कि दर्जन भर से ज्यादा शिक्षकों पर स्पष्टीकरण पूछा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने की स्थिति में बड़ी कार्रवाई किया जाएगा। विद्यालयों में कमी पाई गई।