कई विद्यालय में शिक्षक 8 बजे तक नहीं आते , अपनी सुविधा के अनुसार शिक्षक विद्यालय खोलते हैं या बंद करते हैं

 संवाद सूत्र, दिघलबैंक (किशनगंज): प्रखंड अंतर्गत संचालित प्राथमिक विद्यालय उत्क्रमित मध्य विद्यालय इन सभी

विद्यालयों में अपनी सुविधा के अनुसार शिक्षक विद्यालय खोलते हैं या बंद करते हैं। लगभग 50 प्रतिशत ऐसे विद्यालय हैं जिनका कोई भी निर्धारित समय नहीं है। विद्यालय खुलने के समय बच्चे विद्यालय पहुंच तो जाते हैं परंतु शिक्षकों के आने का इंतजार करना उनकी विवशता है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा भीषण गर्मी को देखते हुए और रमजान के पाक महीने के मद्देनजर विद्यालयों की समय सारणी प्रात: 6:30 बजे से लेकर 11.30 बजे तक संचालित करने का निर्देश दिया गया है। कितु यहां के कई विद्यालय में शिक्षक 8 बजे तक नहीं आते हैं। जबकि बच्चे शिक्षक का इंतजार बाहर गेट पर करते हैं।

जबकि इन्हीं समय के बीच में बच्चों को सरकार द्वारा संचालित पोषणयुक्त मिड-डे-मील भोजन भी चलाना है। परंतु कई ऐसे विद्यालय हैं, जिनमें पौष्टिक भोजन योजना शुरू तक नहीं किया गया है। शिक्षकों का कहना होता है कि चावल की कमी के कारण विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना आज बंद है। साथ ही प्रखंड में विद्यालयों को समय-समय पर जांच करने का सिलसिला फिलहाल बंद के जैसा नजर आ रहा है। विद्यालय को समय से खोलना व बंद करना शिक्षक की अपनी मर्जी के अनुसार है। ग्रामीण अभिभावक ने अपने बच्चों का भविष्य को देखते हुए शिक्षा विभाग से अपील की है कि कम से कम विद्यालय की जांच संबंधित अधिकारी व जनप्रतिनिधि के द्वारा विद्यालय की जाच की जाय, ताकि विद्यालय के समयानुसार शिक्षक विद्यालय पहुंचकर बच्चों के पठन-पाठन का कार्य संचालित करें। और बच्चों का भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ ना हो और शिक्षा के प्रति बच्चों में लगनशीलता बरकरार रहे।