परीक्षाएं टलीं जरूर, मगर भोजपुर में धड़कनों की रफ्तार बरकरार

 आरा : कोविड महामारी के दूसरी लहर को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने 10 वीं की परीक्षा रद और 12वीं की स्थगित की है। सीबीएसई के इस कदम से परीक्षा की तैयारी में जुटे परीक्षार्थियों को झटका लगा है। जबकि कोविड काल में परीक्षा देने की चिता दूर हो गई है। 10वीं की परीक्षा निरस्त होने से

परीक्षार्थी ही नहीं, बल्कि उनके अभिभावकों भी राहत की सांस ली है। हालांकि संशय बरकरार है कि 10वीं में नंबर कैसे दिए जाएंगे और 12वीं की परीक्षा कब होगी। सबके पास कयास के सिवाय कुछ नहीं है। शिक्षकों से संपर्क करने पर इंतजार करने और तैयारी जारी रखने के लिए कही जाती है। 10वीं और 12वीं की परीक्षा चार मई से होने वाली थी। वैसे 12वीं की परीक्षा के लिए अंतिम निर्णय आगामी एक जून को होने की संभावना जतायी गई है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से शिक्षक भी चितित हैं। इसके बावजूद विद्यालय स्तर पर 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू की गई थी, लेकिन हर बैच में छात्रों की अनुपस्थिति के कारण इसे स्थगित कर दी गई।

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फोटो फाइल

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नंबर सफलता का पैमाना नहीं

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने कोविड संक्रमण पर रोकथाम के लिए 10 वीं परीक्षा रद कर दी है। परीक्षार्थियों को इससे निराश अथवा खुश होने की जरुरत नहीं है। सीबीएसई ने सिर्फ एक बच्चे नहीं, बल्कि पूरे देश के बच्चे की परीक्षाएं स्थगित की है। ऐसे में चिता किस बात की है। सभी को एक रास्ते से होकर गुजरना है। बड़ी बात है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के दौर में नंबर सफलता का पैमाना नहीं है। ऐसे में लक्ष्य बनाये रखने की जरूरत है। जीवन में इस तरह की परीक्षाएं कई बार देने का मौका मिलेगा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान की सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रतिभा सिंह ने कहा कि 10वीं के छात्रों के सामने पढ़ने के लिए पूरा जीवन बाकी है। वर्तमान परिस्थितियों में सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण लोगों का जीवन बचाना है। आप नजर दौड़ाकर देखेंगे कि पढ़ने में औसत होने के बावजूद देश में तमाम लोग शीर्ष पर हैं। 10वीं की परीक्षा रद होने से पूरे साल की मेहनत पर झटका लगा है। प्री-बोर्ड में जान-बुझकर कम अंक दिए जाते हैं। ऐसे में नंबर कम हो जाता है। परीक्षा होनी चाहिए। परीक्षाओं की तैयारी से जुटा था। अब किस आधार पर मूल्यांकन होगा। इसे लेकर शंका बनी हुई है।

-आदित्य नारायण सिंह अचानक 10वीं की परीक्षा रद होने से झटका लगा है। कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसकी चिता है। इसके बीच भविष्य की लेकर भी चिता बनी हुई है। परीक्षा निरस्त होने से पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।

-निशांत कुमार 10वीं की परीक्षा रद होने से पढ़ने का उत्साह खत्म हो गया। परीक्षा को लेकर अलग से तैयारी होती है, जो अब नहीं हो पा रही है। परीक्षाओं को रद करना समाधान नहीं है। कोविड प्रोटोकॉल के संग परीक्षा आयोजित की जा सकती है।

-चंदा कुमारी ----------

कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए बोर्ड का फैसला सराहनीय है। लेकिन परीक्षा को लेकर जिस रफ्तार से तैयारी चल रही थी, उस पर अब विराम लग गया है। बड़ी बात है कि महामारी के दौर में सबकी प्राथमिकता कोरोना संक्रमण को रोकना है।

-पंकेश कुमार