फिर गर्दनीबाग पहुंचे TET अभ्यर्थी:लाठीचार्ज मामले के बाद ईको पार्क में मीटिंग कर रहे थे, तेजस्वी के कॉल के बाद पटना DM ने दी परमिशन

 बिहार TET-2017/CTET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को पटना के गर्दनीबाग में धरना देने की अनुमति मिल गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप के बाद पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने यह अनुमति दी है। राजधानी के ईको पार्क में मीटिंग कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच शाम 5 बजे तेजस्वी यादव पहुंचे थे। तेजस्वी ने इसी

दौरान पहले सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार और फिर पटना के DM चंद्रशेखर सिंह से बात की। तेजस्वी ने दोनों अधिकारियों से शिक्षक अभ्यर्थियों को प्रदर्शन के लिए स्थान उपलब्ध कराने की मांग की। कहा कि धरना देना इनका लोकतांत्रिक अधिकार है, अगर इन्हें इससे वंचित किया गया, तो मैं भी इनके साथ यहीं धरना दूंगा। अपनी मांगों को लेकर गर्दनीबाग में दो दिनों से धरना दे रहे इन शिक्षक अभ्यर्थियों पर मंगलवार को ही पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। प्रशासन का कहना था कि इन्हें 21 जनवरी तक धरना देने की इजाजत थी लेकिन 19 तारीख को लाठीचार्ज के बाद आगे का परमिशन रद्द कर दिया गया है।

वापस गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचने पर अभ्यर्थियों को संबोधित करते तेजस्वी।
वापस गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचने पर अभ्यर्थियों को संबोधित करते तेजस्वी।

तेजस्वी के साथ गर्दनीबाग पहुंचे अभ्यर्थी

पटना डीएम से अनुमति मिलने के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ ही तेजस्वी यादव ईको पार्क से निकले। आगे तेजस्वी और पीछे विभिन्न जिलों से आये अभ्यर्थी गर्दनीबाग तक पहुंचे। धरना स्थल पर तेजस्वी ने सभी को संबोधित भी किया। तेजस्वी ने शिक्षक अभ्यर्थियों से बात की और उनकी समस्याओं को समझा। फिर कहा कि अगर हमारी सरकार बन गई होती तो अभी तक 10 लाख युवाओं को रोजगार मिल गया होता। बिहार सरकार यहां के युवाओं को परेशान कर रही है। तेजस्वी के वहां से निकलने के बाद गर्दनीबाग धरना स्थल पर शिक्षक अभ्यर्थी आगे की रणनीति बनाने में जुट गए।

पटना के ईको पार्क में मीटिंग कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी।
पटना के ईको पार्क में मीटिंग कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी।

तेजस्वी ने कहा - जगह दें, नहीं तो मैं भी बैठूंगा

ईको पार्क में शिक्षक अभ्यर्थियों के सामने तेजस्वी यादव ने पहले मुख्य सचिव दीपक कुमार को फोन लगाया। तेजस्वी ने कहा कि धरना देना इनका लोकतांत्रिक अधिकार है। इन्हें गर्दनीबाग से क्यों हटाया गया? पटना DM से बात कर इनके लिए जल्द से जल्द बैठने की व्यवस्था कराई जाए। ऐसा नहीं हुआ तो मजबूरन मुझे भी इनके साथ यहीं धरना पर बैठना पड़ेगा। इसके बाद तेजस्वी ने पटना DM चंद्रशेखर सिंह को भी कॉल कर अभ्यर्थियों के लिए जगह देने की मांग की।

कारगिल चौक पर फूंका पुतला

मंगलवार की शाम लाठीचार्ज के बाद अभ्यर्थियों ने रात में बैठक कर सुबह फिर से धरना देना तय किया था। संगठन को 21 जनवरी तक परमिशन मिला था, लेकिन 19 तारीख को लाठीचार्ज के बाद आगे के परिमिशन को रद्द कर दिया गया। संगठन के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार ने बताया कि परमिशन नहीं दिया जा रहा है, इसलिए हम सभी चाहकर भी धरना नहीं दे पा रहे है। हमें लोकतांत्रिक अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि अब 26 तारीख के बाद ही धरना देने का परमिशन दिया जाएगा।

संगठन के कई नेता परमिशन के लिए गांधी मैदान कंट्रोल रूम से लेकर अन्य अफसरों के यहां जाते रहे, लेकिन नतीजा सिफर निकला। इससे गुस्साए अभ्यर्थियों ने लाठीचार्ज के विरोध में कारगिल चौक पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पुतला फूंक दिया। इस दौरान अभ्यर्थी बैनर पोस्टर भी लेकर पहुंचे और सरकारी विरोधी नारे लगाए। जल्द-से-जल्द नियोजित शिक्षक के नियोजन कार्य को पूरा करने और काउंसिलिंग की तिथि जारी करने की मांग की।

कारगिल चौक पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पुतला फूंकने गए शिक्षक अभ्यर्थी।
कारगिल चौक पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पुतला फूंकने गए शिक्षक अभ्यर्थी।

सरकार के रवैया से बढ़ रहा गुस्सा

संगठन के नेताओं का कहना है कि पंचायत चुनाव के बहाने सरकार दो-ढ़ाई साल के लिए प्रक्रिया को टालना या धीमा करना चाहती है। इसलिए गुस्सा बढ़ता जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों से पटना पहुंचे आंदोलनकारी नियोजित शिक्षक अभ्यर्थी पटना में जमे हुए हैं और आगे की रणनीति पर विमर्श कर रहे हैं। मंगलवार की को रात इनका शिष्टमंडल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से भी मिला। तेजस्वी यादव ने इन्हें आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ी तो वे भी उनके साथ धरनास्थल पर होंगे। लेकिन धरना का दिया हुआ परमिशन ही प्रशासन ने रद्द कर दिया।

राजद प्रवक्ता के भाषण की वजह से लाठीचार्ज!

मंगलवार को लाठीचार्ज से लगभग तीन घंटे पहले राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने धरना स्थल पर पहुंच कर नीतीश सरकार और शिक्षा मंत्री की खूब आलोचना की थी। अभ्यर्थियों के बीच चर्चा रही कि राजद प्रवक्ता के भाषण की वजह से ही सरकार- प्रशासन को गुस्सा आ गया और लाठीचार्ज किया गया। अभ्यर्थी मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री का पुतला जलाने के बाद आगे की रणनीति बना रहे हैं।

अभ्यर्थियों के साथ नियोजित शिक्षक संघ

TET-STET उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने इन अभ्यर्थियों की मांगों का समर्थन किया है। संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा है कि बिहार सरकार एवं शिक्षा विभाग अगर समय रहते नियोजन प्रक्रिया पूरी नहीं करती है तो उनके साथ हम सब सड़क से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अपराधियों के सामने बिहार पुलिस घुटने टेक देती है, लेकिन राज्य के युवा, शिक्षित बेरोजगार व मेधावी अभ्यर्थियों पर लाठियां भाजती है। बिहार के प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लाखों पद रिक्त पड़े हैं, जबकि सरकार द्वारा आयोजित खुली परीक्षा पास किये अभ्यर्थी 10-10 वर्षों से नियोजन की आस में दर-दर की ठोकर खा रहे हैं।

विधानसभा में माले उठाएगा लाठीचार्ज का मुद्दा

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने गर्दनीबाग धरनास्थल पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की घटना की कड़ी निंदा की है। कहा कि अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर स्कूलों में योगदान की गारंटी करवाने की बजाए सरकार लाठी-गोली की भाषा बोल रही है। हम सबको याद है कि विगत विधानसभा चुनाव में जब एनडीए गठबंधन को अपनी हार सुनिश्चित दिखलाई पड़ने लगी थी, तो उसने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आते ही उसने अपने उस वायदे को भुला दिया और पहले की ही तरह दमन का रूख अख्तियार किए हुए है। उन्होंने अभ्यर्थियों की मांगों का समर्थन किया और कहा कि आने वाले विधानसभा के सत्र में इस मुद्दे को हमारी पार्टी मजबूती से सदन के भीतर उठाएगी।