दरभंगा. माध्यमिक शिक्षक नियोजन नियमावली में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब हाई स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात का समानुपातीकरण किया जाएगा। समानुपातीकरण के बाद शिक्षकाें को पंचायतों में उत्क्रमित किए गए 9वीं कक्षा वाले स्कूलाें में स्थानांतरित किया जाएगा। जिले की 152 पंचायतों में उत्क्रमित किए गए माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों को स्थानांतरित किया जाएगा। इस बदलाव के बाद उत्क्रमित स्कूलों में शिक्षक नियोजन की छठी प्रक्रिया से बचे हुए पदों पर बहाली की उम्मीद बढ़ गई है।
शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज के आदेश के बाद वर्षों से एक ही जगह जमे नियोजित माध्यमिक शिक्षकाें में खलबली मच गई है। हालांकि इस नियमावली से स्थानांतरण प्रक्रिया की जद में जूनियर शिक्षक आएंगे। स्थानांतरण प्रक्रिया में सबसे पहले जूनियर शिक्षक का नंबर आएगा। वरीय शिक्षकाें को इससे नुकसान नहीं होगा। दिव्यांग एवं महिला शिक्षिकाओं के स्थानांतरण के मामले में सहमति लेनी जरूरी होगी। महिला एवं दिव्यांग शिक्षिकाओं के इंकार करने की स्थिति में स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा।
शिक्षक नियोजन नियमावली में किया गया है बदलाव
उत्क्रमित स्कूलों में शिक्षकाें की प्रतिनियुक्ति की सूची तैयार : डीपीओ
डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान संजय कुमार देव कन्हैया ने कहा कि पंचायतों में 9वीं कक्षा के संचालन के लिए उत्क्रमित किए गए स्कूलों में मिडिल स्कूल के शिक्षकाें को प्रतिनियुक्त करने का आदेश मिला था। प्रतिनियुक्ति के लिए शिक्षकाें को चयनित करके सूची तैयार कर ली गई है। लाॅकडाउन के कारण कार्य को पूरा करने में थोड़ा समय लग रहा है। इतना जरूर है कि स्कूल खुलने के बाद शिक्षकाें के अभाव में पढ़ाई बाधित नहीं होने दी जाएगी।
माध्यमिक नियोजित शिक्षकाें के ट्रांसफर में डीईओ की बढ़ी भूमिका
स्थानांतरण मामले में अब जिला परिषद नियोजन इकाई के अलावा जिला शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका बढ़ा दी गई है। नई नियमावली में माध्यमिक स्कूलों में नियुक्ति का मानक बदल दिया गया है। पहले माध्यमिक स्कूल में 8 सहायक शिक्षक और एक एचएम हाेते थे। लेकिन अब इसकी जगह 6 सहायक शिक्षक व एक एचएम रहेंगे। मानक का निर्धारण माध्यमिक कक्षाओं की गणना में किए गए बदलाव के कारण हुआ है। पहले माध्यमिक कक्षाओं की गणना 6 से 10वीं कक्षा तक किया जाता था। फिर इसे बदलकर 8वीं से 10वीं कक्षा तक किया गया। अब माध्यमिक कक्षाओं की गणना केवल 9वीं एवं 10वीं कक्षा तक ही सीमित कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज के आदेश के बाद वर्षों से एक ही जगह जमे नियोजित माध्यमिक शिक्षकाें में खलबली मच गई है। हालांकि इस नियमावली से स्थानांतरण प्रक्रिया की जद में जूनियर शिक्षक आएंगे। स्थानांतरण प्रक्रिया में सबसे पहले जूनियर शिक्षक का नंबर आएगा। वरीय शिक्षकाें को इससे नुकसान नहीं होगा। दिव्यांग एवं महिला शिक्षिकाओं के स्थानांतरण के मामले में सहमति लेनी जरूरी होगी। महिला एवं दिव्यांग शिक्षिकाओं के इंकार करने की स्थिति में स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा।
शिक्षक नियोजन नियमावली में किया गया है बदलाव
उत्क्रमित स्कूलों में शिक्षकाें की प्रतिनियुक्ति की सूची तैयार : डीपीओ
डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान संजय कुमार देव कन्हैया ने कहा कि पंचायतों में 9वीं कक्षा के संचालन के लिए उत्क्रमित किए गए स्कूलों में मिडिल स्कूल के शिक्षकाें को प्रतिनियुक्त करने का आदेश मिला था। प्रतिनियुक्ति के लिए शिक्षकाें को चयनित करके सूची तैयार कर ली गई है। लाॅकडाउन के कारण कार्य को पूरा करने में थोड़ा समय लग रहा है। इतना जरूर है कि स्कूल खुलने के बाद शिक्षकाें के अभाव में पढ़ाई बाधित नहीं होने दी जाएगी।
माध्यमिक नियोजित शिक्षकाें के ट्रांसफर में डीईओ की बढ़ी भूमिका
स्थानांतरण मामले में अब जिला परिषद नियोजन इकाई के अलावा जिला शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका बढ़ा दी गई है। नई नियमावली में माध्यमिक स्कूलों में नियुक्ति का मानक बदल दिया गया है। पहले माध्यमिक स्कूल में 8 सहायक शिक्षक और एक एचएम हाेते थे। लेकिन अब इसकी जगह 6 सहायक शिक्षक व एक एचएम रहेंगे। मानक का निर्धारण माध्यमिक कक्षाओं की गणना में किए गए बदलाव के कारण हुआ है। पहले माध्यमिक कक्षाओं की गणना 6 से 10वीं कक्षा तक किया जाता था। फिर इसे बदलकर 8वीं से 10वीं कक्षा तक किया गया। अब माध्यमिक कक्षाओं की गणना केवल 9वीं एवं 10वीं कक्षा तक ही सीमित कर दिया गया है।