आठ महीने से शिक्षकों को नहीं मिला मानदेय

कोरोना संकट के बीच आर्थिक परेशानियों को देखते हुए सरकार ने ससमय शिक्षकों के वेतन भुगतान का आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन विभाग के लिए ऐसे आदेशों मायने नहीं रखते है। जिले के 84 अतिथि शिक्षकों को आठ महीने से मानदेय नहीं मिला है। इसकी सिर्फ एक वजह अधिकारी की उदासीन कार्यशैली है।

वित्तीय वर्ष 19-20 के आवंटन से शिक्षकों का सितंबर महीने तक मानदेय भुगतान किया गया था। इसके बाद आवंटन बांकी होने के बाद भी निर्धारित समय तक डीपीओ द्वारा राशि की निकासी और शिक्षकों का मानदेय भुगतान नहीं किया गया। इस कारण मार्च में आवंटन वापस हो गया। इसका खामियाजा अबतक अतिथि शिक्षक भुगत रहे हैं।
इसके बाद डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई तो हुई लेकिन शिक्षकों को मानदेय नहीं मिल सका। मानदेय भुगतान की मांग को लेकर शिक्षक विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। ऐसे में शिक्षकों में विभाग के प्रति आक्रोश है।
वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों के सामने आर्थिक समस्या:आठ महीने से मानदेय भुगतान नहीं होने के कारण अब अतिथि शिक्षकों के सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। शिक्षकों का कहना है कि 8 महीने से वेतन भुगतान नहीं होने के कारण उनका घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। विभाग पहुंचने के बाद समस्या सुनने से पहले ही कह दिया जाता है कि आवंटन नहीं आया है। ऐसे में शिक्षक करें भी तो क्या करें? अतिथि शिक्षक संघ अध्यक्ष एसएन झा ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के फरवरी तक की उपस्थिति पहले से जमा है। इसके बाद आगे का भी उपस्थिति जमा किया जा रहा है लेकिन मानदेय का कोई पता नहीं है।
आवंटन मिलते ही हो जाएगा वेतन भुगतान: स्थापना डीपीओ रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि विभाग को अतिथि शिक्षकों के परेशानियों का ध्यान है। आवंटन आते ही अतिथि शिक्षकों का मानदेय भुगतान कर दिया जाएगा।