उत्क्रमित मवि रामपुर चौकड़ा की शिक्षिका निर्मला सिन्हा के मामले में
कार्रवाई नहीं संवाद सहयोगी, लखीसराय : राज्य सरकार ने फर्जी प्रमाण-पत्र
एवं गलत तरीके से नियोजित शिक्षकों की जांच करने की जिम्मेदारी निगरानी
विभाग को सौंपी है। परंतु जिले में निगरानी विभाग की जांच का कोई असर नहीं
देखा जा रहा है।
फर्जी प्रमाण-पत्र एवं गलत तरीके से नियोजित दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाएं जिले के विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित हैं। इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद भी संबंधित शिक्षकों के फर्जी प्रमाण-पत्र की जांच करने के प्रति विभाग उदासीन बना हुआ है। सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत मेदनीचौकी थाना क्षेत्र के अमरपुर निवासी सुबोध महतो की पत्नी निर्मला सिन्हा के फर्जी प्रमाण-पत्र पर कजरा शिक्षांचल अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामपुर चौकड़ा में शिक्षिका के रूप में पदस्थापित रहने का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को आवेदन देने के छह माह बीत जाने के बाद भी उक्त शिक्षिका के प्रमाण-पत्रों की जांच नहीं कराई गई है। ग्रामीणों द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को दोबारा आवेदन देकर उक्त शिक्षिका के प्रमाण-पत्रों की जांच कराने की मांग की गई है। आवेदन में कहा गया है कि उक्त शिक्षिका का प्रमाण-पत्र निर्मला सिन्हा, पिता मैनेजर सिंह, ग्राम एवं पोस्ट परमानंदपुर, जिला बेगूसराय के नाम से है। जबकि परमानंदपुर गांव में मैनेजर सिंह नाम का कोई व्यक्ति न तो था और न ही है। जबकि वास्तव में उक्त शिक्षिका के मायके का पता रेखा कुमारी उर्फ छठिया कुमारी, पिता स्व. आनंदी महतो, भाई का नाम महादेव महतो एवं निराला महतो, ग्राम- हुसैना (रघुनाथपुर) पोस्ट परमानंदपुर, जिला बेगूसराय है। ग्रामीणों ने कहा है कि इनके परिवार में तीन कई अन्य महिलाएं शिक्षक हैं जो फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही है। शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) ने बताया कि वे मिले आवेदन के आलोक में जांच करके कार्रवाई करेंगे।
फर्जी प्रमाण-पत्र एवं गलत तरीके से नियोजित दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाएं जिले के विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित हैं। इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद भी संबंधित शिक्षकों के फर्जी प्रमाण-पत्र की जांच करने के प्रति विभाग उदासीन बना हुआ है। सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत मेदनीचौकी थाना क्षेत्र के अमरपुर निवासी सुबोध महतो की पत्नी निर्मला सिन्हा के फर्जी प्रमाण-पत्र पर कजरा शिक्षांचल अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामपुर चौकड़ा में शिक्षिका के रूप में पदस्थापित रहने का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को आवेदन देने के छह माह बीत जाने के बाद भी उक्त शिक्षिका के प्रमाण-पत्रों की जांच नहीं कराई गई है। ग्रामीणों द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को दोबारा आवेदन देकर उक्त शिक्षिका के प्रमाण-पत्रों की जांच कराने की मांग की गई है। आवेदन में कहा गया है कि उक्त शिक्षिका का प्रमाण-पत्र निर्मला सिन्हा, पिता मैनेजर सिंह, ग्राम एवं पोस्ट परमानंदपुर, जिला बेगूसराय के नाम से है। जबकि परमानंदपुर गांव में मैनेजर सिंह नाम का कोई व्यक्ति न तो था और न ही है। जबकि वास्तव में उक्त शिक्षिका के मायके का पता रेखा कुमारी उर्फ छठिया कुमारी, पिता स्व. आनंदी महतो, भाई का नाम महादेव महतो एवं निराला महतो, ग्राम- हुसैना (रघुनाथपुर) पोस्ट परमानंदपुर, जिला बेगूसराय है। ग्रामीणों ने कहा है कि इनके परिवार में तीन कई अन्य महिलाएं शिक्षक हैं जो फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही है। शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) ने बताया कि वे मिले आवेदन के आलोक में जांच करके कार्रवाई करेंगे।