संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों की नियुक्ति प्रावधान के अनुसार , राजभवन से अविलंब आदेश वापस लेने का किया गया आग्रह

मुजफ्फरपुर डिग्री की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य से संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों को अलग रखने के राजभवन ने निर्देश को लेकर गुरुवार को संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों ने विवि कैंपस में धरना-प्रदर्शन किया। बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के बैनर तले शिक्षकों ने राजभवन से मांग की है कि अविलंब इस प्रस्ताव को वापस लिया जाए।


संघ के संयोजक धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों की नियुक्ति प्रावधान के अनुसार की गई है। ऐसे में वे कॉपियों के मूल्यांकन करने योग्य हैं। अगर संबद्ध कॉलेज के शिक्षक मूल्यांकन करने लायक नहीं है तो पूर्व में उनकी ओर से जांची गई कॉपियों का रिजल्ट भी निरस्त कर दिया जाए। जिस तरह अंगीभूत कॉलेजों को नैक मूल्यांकन कराए जाने के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिलती है, ठीक उसी तरह संबद्ध कॉलेजों को भी मिले। मौके पर पूर्व एमएलसी डॉ. नरेंद्र प्रसाद सिंह और पूर्व सिंडिकेट सदस्य डॉ. मोती प्रसाद सिंह ने भी अपने विचार रखे। एकेडमिक काउंसिल सदस्य डॉ. रमण कुमार ने कहा कि राजभवन को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। मौके पर प्रो. संत ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह, प्रो. निशिकांत पाठक, कौशिक कुमार, राजीव कुमार, सुनील कुमार, गंगा प्रसाद पाठक, विजय वर्मा, राकेश मिश्रा, मनोज कुमार, अनिल सिंह, बबीता कुमारी, कल्पना कुमारी, बृजबिहारी प्रसाद, बीएन झा, अरुण कुमार, मदन मोहन, प्रमोद कुमार सिंह, शशि कुमार भी थे। इधर, पार्ट थर्ड का प्रैक्टिकल मार्क्स नहीं सौंपने का निर्णय : संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक अब विवि को टीडीसी पार्ट थर्ड का प्रैक्टिकल विषयों के अंक विवि को नहीं सौंपेंगे। वहीं उन्होंने यह कहा है कि विवि की ओर से संबद्ध कॉलेजों में केंद्र बनाए जाने पर असहयोग किया जाएगा। इसका सीधा असर टीडीसी पार्ट थर्ड के रिजल्ट पर पड़ेगा।

राजभवन से अविलंब आदेश वापस लेने का किया गया आग्रह

मूल्यांकन पर लगाई रोक के आदेश के विरोध में बीआरए बिहार विवि में धरना देते संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक।