विजिलेंस की जांच में स्नातक की कॉपी में कई पन्ने छाेड़कर लिखा मिला उत्तर

एजुकेशन रिपोर्टर | भागलपुर टीएमबीयू में स्नातक में कम अंक मिलने की शिकायत को लेकर चल रही विजिलेंस जांच से जुड़ी एक कॉपी में बीच के कई पन्ने छोड़कर बाद में उत्तर लिखने का मामला सामने आया है।
यह कॉपी गणित ऑनर्स की है जिसमें छात्र ने कम अंक मिलने की शिकायत लोक सूचना आयोग और राजभवन तक से की थी। मामले को लेकर अब तक विजिलेंस की टीम दो बार विवि आ चुकी है और पूर्व व वर्तमान परीक्षा नियंत्रकों और परीक्षा विभाग के कर्मियों से पूछताछ कर चुकी है। कॉपी पर कुछ प्रश्नों का उत्तर सिलसिलेवार लिखा गया है। लेकिन बीच के पांच-छह पन्ने सादे हैं। इसके बाद भी उत्तर लिख हुए हैं। सवाल है कि बीच के इतने पन्ने सादे क्यों छोड़े गए?

मामले को लेकर डीएसडब्ल्यू प्रो. योगेन्द्र ने बताया कि इससे कॉपी में टेंपरिंग की आशंका है। हालांकि इस कॉपी का मामला विजिलेंस के पास है। लेकिन इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या ऐसे मामले दूसरे छात्रों के साथ भी हैं? गड़बड़ियों के जैसे मामले पहले मिलते रहे हैं उसे देखते हुए इनकार नहीं किया जा सकता है कि छात्र गड़बड़ी करने की मंशा से परीक्षा के समय कॉपी के कुछ पन्ने सादे छोड़ देते होंगे ताकि बाद में किसी सेटिंग से सादे पन्ने पर उत्तर लिखे जा सकें।

उन्होंने बताया कि परीक्षा नियंत्रक से कहा गया है कि वे मूल्यांकन कर रहे और आगे मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को निर्देश जारी कर दें कि मूल्यांकन के दौरान किसी कॉपी का कोई पन्ना सादा मिले तो उस पर कट का चिन्ह लगा दें। शिक्षक भी इसमें ढिलाई करते हैं। सादा पन्ना देख उसे यूं ही छोड़ देते हैं।