संवाद सहयोगी, लखीसराय : स्थानीय आदर्श नगर स्थित केमिस्ट्री विजन में
रविवार को राष्ट्रीय जन-जन पार्टी के तत्वावधान में समान शिक्षा,
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं शिक्षकों की चुनौती विषय पर सेमिनार का आयोजन
किया
गया। जिसकी अध्यक्षता पार्टी के शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह अवकाश प्राप्त शिक्षक नंदन प्रसाद ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पिन्टू चंद्रवंशी ने कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने से शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बिहार का ज्ञान एवं विद्वता के रूप में अलग पहचान है। इसे बनाए रखना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। परंतु गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए जाने एवं शिक्षकों के बुनियादी जरूरतों की पूर्ति नहीं करने के कारण शिक्षक तनाव में रहने को विवश हैं। इस कारण शिक्षा प्रभावित हो रही है। शिक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय जन-जन पार्टी संघर्ष करेगी। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश कुंदन ने कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाने, मूलभूत आवश्यकताओं को नजरअंदाज करने एवं नियोजित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर बिहार सरकार शिक्षा को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। इस अवसर पर रामयतन कुमार, सुभाष कुमार, दिनकर, पवन बिहारी, विनोद कुमार, नरेन्द्र कुमार आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
गया। जिसकी अध्यक्षता पार्टी के शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह अवकाश प्राप्त शिक्षक नंदन प्रसाद ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पिन्टू चंद्रवंशी ने कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने से शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बिहार का ज्ञान एवं विद्वता के रूप में अलग पहचान है। इसे बनाए रखना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। परंतु गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए जाने एवं शिक्षकों के बुनियादी जरूरतों की पूर्ति नहीं करने के कारण शिक्षक तनाव में रहने को विवश हैं। इस कारण शिक्षा प्रभावित हो रही है। शिक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय जन-जन पार्टी संघर्ष करेगी। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश कुंदन ने कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाने, मूलभूत आवश्यकताओं को नजरअंदाज करने एवं नियोजित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर बिहार सरकार शिक्षा को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। इस अवसर पर रामयतन कुमार, सुभाष कुमार, दिनकर, पवन बिहारी, विनोद कुमार, नरेन्द्र कुमार आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।