जमुई। पहले वेतन और अब 7 वें वेतन की सिफारिश को लागू कराने के लिए जिले के
हजारों शिक्षकों को संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार के निर्देशानुसार अप्रैल
2017 से नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने का निर्देश
दिया गया था परंतु 18 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिले भर के
लगभग छह
हजार से अधिक शिक्षकों में से एक भी शिक्षक को सातवें वेतनमान का
लाभ नहीं मिल सका है जबकि शिक्षक संगठन परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ
द्वारा जिलाधिकारी तथा डीईओ को कई बार आवेदन देकर सातवें वेतनमान का लाभ
दिए जाने की मांग की जा चुकी है परंतु विभाग द्वारा सातवें वेतन का संधारण
नहीं किए जाने का हवाला देते हुए लगातार 18 महीने से टाल-मटोल की नीति अपना
रही है। जबकि सातवें वेतन की मांग को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक
संघ द्वारा बीआरसी खैरा में मई महीने में तालाबंदी भी की जा चुकी है। फिर
भी विभाग इस मामले को विभाग ठंडे बस्ते में डाले हुए है। इस मामले पर
परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव निरंजन मोदी ने बताया कि खैरा में
तालाबंदी के बाद 16 मई को स्थापना डीपीओ रंजीत पासवान तथा तत्कालीन बीईओ
मिथिलेश्वर शर्मा की उपस्थिति में संगठन के साथ लिखित यह समझौता हुआ था कि
15 दिनों के अंदर सभी शिक्षकों के सेवा पुस्तिका पर सातवें वेतन का
निर्धारण कर अप्रैल माह के वेतन के साथ सातवां वेतन शुरु कर दिया जाएगा
परंतु महीनों बीत जाने के बाद भी पदाधिकारियों के इस लिखित आश्वासन को
अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। संकुल संसाधन केन्द्र खैरा में आज भी
शिक्षकों की सेवा पुस्तिका यूं ही पड़ी है।