शिक्षकों के वकील ने राज्य सरकार से पूछा कि जब नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी
नहीं हैं, तो फिर 2015 में इन्हें वेतनमान कैसे दिया? शिक्षकों के लिए आदेश
शिक्षा विभाग से जारी होता है, न कि पंचायती या नगर विकास विभाग द्वारा।
सुप्रीम कोर्ट में 3.56 लाख शिक्षकों को समान काम समान वेतन मामले पर बहस
गुरुवार को 17वें दिन भी अधूरी रही। अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।
न्यायाधीश एएम सप्रे और यूयू ललित की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। शिक्षक
संघ के वकील रणजीत कुमार ने कोर्ट में नियोजित शिक्षकों के पक्ष में कई
तर्क दिया। पंचायत विद्यालय नहीं कहा जाता है। राज्य सरकार पंचायत सहित
विभिन्न इकाइयों से शिक्षकों का नियोजन करा समान काम का समान वेतन देने से
बच नहीं सकती है। सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। राज्य सरकार के एसएलपी
को खारिज कर दिया जाना चाहिए। उधर, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव
सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा शिक्षक दिवस 5 सितंबर के दिन
सुनवाई का 18वां दिन है और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य के नियोजित
शिक्षकों को न्याय मिलेगा। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के
प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक एवं अश्विनी पाण्डेय ने कहा नियोजित शिक्षक
जीत के करीब हैं।
5 सितंबर को फिर होगी सुनवाई