किशनगंज। टीईटी पास बंगला और उर्दू सहित सामान्य टीईटी एव सीटीईटी पास
अभ्यर्थियों की बहाली में पेंच फंस गया है। अब इसके लिए कैंप का आयोजन नहीं
हो पाएगा।
ऐसे में इन अभ्यर्थियों की बहाली फिलहाल नहीं हो पाएगी। नियोजित
शिक्षकों के समान काम का समान वेतन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
के दौरान तत्काल नियोजित शिक्षक बहाली की उस कंडिका को निरस्त कर दिया गया
है। जिसके तहत नियोजित शिक्षक की बहाली होती थी। टीईटी पास अभ्यर्थियों की
बहाली की मांग को लेकर विधायक मुजाहिद आलम व नौशाल आलम द्वारा शिक्षा
मंत्री व शिक्षा सचिव से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें उन्हें इस जानकारी
से अवगत कराया गया। विधायक द्वय के द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है
कि चार हजार स्पेशल उर्दू बांग्ला फ्रेश टीईटी पास, 12 हजार ग्रेस उर्दू
टीईटी पास एवं 45 हजार सामान्य टीईटी एवं सीटीईटी पास अभ्यार्थी बहाली से
वंचित है। सरकार व विभाग इस दिशा में पहल कर बहाली हेतु शिविर का आयोजन
करे। विधायक की मांग पर शिक्षामंत्री कृष्णनन्दन प्रसाद वर्मा एवं शिक्षा
विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने बताया कि समान काम समान वेतन की मांग
पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान तत्काल नियोजित शिक्षक बहाली
नियमावली की उस कंडिका को निरस्त कर दिया है जिसके तहत नियोजित शिक्षकों की
बहाली होती थी। जब तक सुप्रीम कोर्ट से उक्त मामले का निष्पादन नहीं हो
जाता है तब तक स्पेशल उर्दू/बंगला टीईटी पास शेष चार हजार अभ्यार्थियों की
बहाली हेतु तीसरे कैंप का आयोजन नहीं किया जा सकता है। साथ ही इसी प्रकार
इन कारणों से बिहार टीईटी एवं सीटीईटी 2017 उत्तीर्ण 45 हजार अभ्यार्थियों
की बहाली भी नहीं की जा सकती है जब तक के समान काम-समान वेतन मामले का
सुप्रीम कोर्ट में निष्पादन नहीं हो जाता। हालांकि प्रधान सचिव ने बताया कि
12 हजार स्पेशल उर्दू-बंगला टीईटी ग्रेस पास अभ्यार्थियों की बहाली हेतु
सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर चुकी है ताकि कट- ऑफ मार्क्स के
तहत राजस्थान सरकार की तर्ज पर उक्त ग्रेस प्रभावित अभ्यार्थियों की बहाली
प्रक्रिया पूरी हो सके। इसके लिए बिहार सरकार के वकील सुप्रीम कोर्ट में
सोयब आलम है तथा बिहार सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में बेहतर ढंग
से रखने के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद से भी सहयोग ले रहे
हैं। इसका खर्च राज्य सरकार वाहन करेगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने फाईल
विधि विभाग को भेजा है वहां से हरी झंडी मिलते ही बिहार सरकार व शिक्षा
विभाग सुप्रीम कोर्ट जाएगी।