पटना [राज्य ब्यूरो]। प्लस टू स्कूलों में गेस्ट
टीचर की सेवा लेने के सरकार के फैसले ने शिक्षा विभाग की परेशानी बढ़ा दी
है। आलम यह है कि स्पष्ट गाइड लाइन के बावजूद बड़ी संख्या में अनट्रेंड
शिक्षक, गेस्ट टीचर के लिए अप्लाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं शिक्षक किसी एक
विषय नहीं बल्कि एक साथ तीन से चार विषय के लिए वे आवेदन दे रहे हैं।
बढ़ती समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने नए सिरे से गाइड लाइन जारी
की है। जिसके अनुपालन की हिदायत अधिकारियों को दी गई है। कहा गया है कि
स्पष्ट निर्देश रहने के बाद भी पैनल और मेधा सूची में अनट्रेंड शिक्षक को
शामिल किया गया तो वैसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
शिक्षा विभाग ने अधिकारियों के साथ ही अभ्यर्थियों का संशय दूर करने के
लिए गाइड लाइन में कहा है कि अतिथि शिक्षक के पद सिर्फ नेशनल काउंसिल फॉर
टीचर एजूकेशन द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार प्रशिक्षित कोटे के
अभ्यर्थियों के लिए है ना कि अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए।
शिक्षा पदाधिकारी पैनल निर्धारण में कुछ तथ्यों का ध्यान रखें। आवेदक
यदि स्नातकोत्तर प्रशिक्षित अभ्यर्थी और एसटीईटी (पेपर-2) उत्तीर्ण हैं
उन्हें पहली प्राथमिकता दें। दूसरे नंबर पर रिटायर्ड शिक्षकों को जिनकी आयु
65 वर्ष से ज्यादा न हो उन्हें मौका देने और स्नातकोत्तर प्रशिक्षित
अभ्यर्थी को तीसरी वरीयता देने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि गणित, भौतिकी शास्त्र या रसायन
शास्त्र पढऩे के इच्छुक अभ्यर्थी तभी आवेदन कर सकेंगे जब अभ्यर्थी
एमटेक-बीटेक या फिर बीएड प्रशिक्षित हों, लेकिन ऐसा तभी होगा जब उपर की
तीनों श्रेणी में योग्य शिक्षक नहीं मिलते हैं।
शिक्षा विभाग ने जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को जारी गाइड लाइन में
हिदायत देकर कहा है कि यदि इस आदेश की अनदेखी किए बगैर पैनल या मेधा सूची
निर्माण किया जाता है तो संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।