सीतामढ़ी। डुमरा प्रखंड के रसलपुर पंचायत में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया
के तहत गलत तरीके से नियोजन का लाभ लेने वाले दो शिक्षकों के खिलाफ डीएम के
आदेश के 11 साल बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी है। डीएम ने मामले में 29
मार्च 2007 को बीडीओ को पत्र भेज कर मामले की जांच कराने एवं दोषियों के
खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था। बावजूद इसके मामले में कोई कार्रवाई नहीं
हो सकी है।
वर्ष 2007 में तत्कालीन मुखिया राम सुरेश ¨सह द्वारा मामले को
सामने लाने के बाद डीएम ने जांच का आदेश दिया था।अब पंचायत की वर्तमान
मुखिया संजो देवी ने एक बार फिर डीएम को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग
की है। मुखिया ने अपने आवेदन में पूर्व मुखिया हरि नारायण राय समेत फर्जी
तरीके से बहाल शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला
सरकार के निर्देश के आलोक में रसलपुर पंचायत में शिक्षा मित्र के पद पर
आठ अभ्यर्थियों का नियोजन किया गया था। तत्कालीन मुखिया ने गलत मेधा सूची
का निर्माण कर अपने पुत्र के अलावा एक अन्य अभ्यर्थी
सुरेश भगत का नियोजन कर दिया। इस दौरान दोनों अभ्यर्थियों ने
गलत शपथ पत्र भी सौंपा। कम अंक होने एवं जन्म तिथि में अंतर होने के
बावजूद दोनों के नियोजन को पंचायत के एक अन्य अभ्यर्थी अमरनाथ कुमार ने
चुनौती दी। वर्ष 2007 में पंचायत के तत्कालीन मुखिया राम सुरेश ¨सह ने
मामले की
जांच की। जिसमें पाया कि मुखिया पुत्र के अलावा एक अन्य
अभ्यर्थी का नियोजन गलत तरीके से किया गया है। इसके आलोक में तत्कालीन
मुखिया ¨सह ने 29 मार्च 2007 को डीएम को आवेदन देकर
नियोजन में बरती गई अनियमितता की जानकारी दी थी। वहीं कार्रवाई की मांग
की थी। इसके आलोक में तत्कालीन डीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बीडीओ को
पत्र जारी कर मामले की जांच व कार्रवाई का आदेश दिया था। लेकिन कार्रवाई
नहीं हो सकी।