कैमूर। प्रखंड में शिक्षकों के आगे नियोजन इकाई बौना बनी हुई है। एक जगह से
दूसरे जगह स्थानांतरित किए गए शिक्षक नियोजन इकाई के फैसले को टालने में
माहिर हैं। स्थानांतरित जगह पर शिक्षक जाने की बजाए पुराने विद्यालय में
बने हुए हैं।
इससे नियोजन इकाई के अधिकार पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
कुछ शिक्षक तो ऐसे भी हैं जो नियोजन इकाई द्वारा भेजे गए स्पष्टीकरण का
जवाब भी नहीं देते। डेढ़ माह से अधिक समय बैजनाथ विद्यालय सहित कई
विद्यालयों के शिक्षकों का स्थानांतरण हुए हो गया। लेकिन किसी भी विद्यालय
में शिक्षक योगदान नहीं कर सके। इससे साफ जाहिर होता है कि नियोजन इकाई
शिक्षकों के सामने बौना बनी हुई है। अब सवाल यह उठता है कि नियोजन इकाई के
मुख्य प्रमुख जो अध्यक्ष हैं सचिव बीडीओ व सदस्य बीइओ हैं इन तीनों लोगों
के द्वारा लगातार कोशिश के बाद भी स्थानांतरण जगह पर योगदान शिक्षक नहीं कर
रहे। जो प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाने जैसा है। बैजनाथ
विद्यालय के आठ शिक्षक को शिक्षा व्यवस्था खराब करने के मामले को लेकर वहां
से स्थानांतरित किया गया। पंचायत समिति में दो दो बार वहां के मुखिया
कृष्ण प्रताप द्वारा मामला उठाया गया। बावजूद स्थानांतरित शिक्षक मूल
विद्यालय में योगदान नहीं कर सके। कुछ शिक्षक दूसरे विद्यालय में योगदान
जाकर किए, लेकिन एक दिन के बाद ही वे लौट गए। जो विद्यालय की गिरती शिक्षा
व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है। बीइओ सत्यनारायण साह ने बताया कि बीडीओ
नियोजन इकाई के मुख्य हैं। मेरे द्वारा तो दो दो बार स्पष्टीकरण किया गया।
लेकिन ये शिक्षक एक नहीं सुन रहें हैं। ऐसे शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई
होनी चाहिए। वहीं बीडीओ जनार्दन तिवारी ने बताया कि अंतिम चेतावनी
स्थानांतरित शिक्षकों को दी जा रही है। फिर भी उनके आदत में बदलाव नहीं आया
तो परिणाम भुगतने के लाए उन्हें तैयार रहना होगा। अब देखना यह है कि
प्रखंड नियोजन इकाई अपने कर्तव्यों को अमलीजामा पहनाने में कब सफल होती है।