पूर्णिया। प्रखंड के रामपुर परिहट पंचायत में सबसे अधिक फर्जी शिक्षकों
की नियुक्ति हुई है। यहां आठ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति की गई। एक बार फिर
भाजपाध्यक्ष मनोज जायसवाल ने पंचायत सचिवों पर फर्जी नियुक्ति मामले में
एफआईआर दर्ज करने की मांग सरकार से की है। अभी तक इन्हें कार्य से हटाया
गया है परंतु फर्जी रूप से नियुक्ति मामले में एफआईआर नहीं किया गया है।
यद्यपि जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने बताया कि फर्जी शिक्षकों पर
अन्य कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
रामपुर परिहट पंचायत में सचिव ने दरियादिली दिखाते हुए बिना नाम-पता,
प्रमाण-पत्र देखे फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कर दी। जिसमें से जांच के बाद
चौंकाने वाली बातें सामने आई। इस नियुक्ति में प्रथम फर्जी शिक्षक वशिष्ठ
ठाकुर को कन्या प्राथमिक विद्यालय में नियुक्ति उी गई जबकी उनके नाम एवं
पिता का नाम टीईटी प्रमाण पत्र से नहीं मेल कर रहा था। द्वितीय शिक्षक नीतु
कुमारी जिनके पिता या पति का नाम पता नहीं था उन्हें भी इसी स्कूल में
नियुक्ति दी गई। उन्होंने अपना प्रमाण-पत्र तक जमा नहीं किया था। शिक्षक
चांदनी कुमारी की भी नियुक्ति इसी विद्यालय में की गई। उनके भी पिता, पति
का नाम नहीं दर्ज किया गया।। उन्होंने भी अपना प्रमाण-पत्र जमा नहीं किया
था। इन तीन शिक्षकों की नियुक्ति मुख्यालय के कन्या प्राथमिक विद्यालय में
की गई। चौथे शिक्षक कामाख्या नारायण ¨सह की नियुक्ति मुख्यालय के बगल स्कूल
प्राथमिक विद्यालय लहरौनी में की गई। उनके भी पिता का नाम नहीं है तथा
प्रमाण-पत्र जमा नहीं किया था। पांचवें शिक्षक मो. इशरारूल हक को बगल के ही
प्राथमिक विद्यालय भिट्ठाटोल में नियुक्त किया गया। उनके भी पिता का नाम
नहीं है तथा इन्होंने भी प्रमाण-पत्र जमा नहीं किया है। छठे शिक्षक मो. जफर
जहां को भी इसी स्कूल में नियुक्ति दी गई जबकि शिक्षक मो. दिलवर आलम को
प्राथमिक विद्यालय गोखलीटोला में नियुक्त किया गया। आठवें शिक्षक अमित
कुमार हैं, जिन्हें प्राथमिक विद्यालय बालूटोल में नियुक्ति दी गई थी। उक्त
सभी शिक्षकों के पिता-पति का नाम तक दर्ज नहीं किया गया एवं प्रमाण पत्र
भी नहीं जमा किया गया बावजूद उन्हें नियुक्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया।