प्राइवेट स्कूलों की संख्या में हो रही वृद्धि, गिर रहा शिक्षा का स्तर

जमुई। कई इलाकों में बिना मापदंड के ही कुकरमुत्ते की तरह प्राइवेट स्कूल खुल रहे हैं। स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक सहित बच्चों की कोई सुरक्षा नहीं है। अंग्रेजी शिक्षा की आड़ में सैकड़ों बच्चों की शिक्षा के साथ हो रहे खिलवाड़ पर विभाग मौन है। लगातार प्राइवेट स्कूलों की संख्या में हो रही वृद्धि से शिक्षा का स्तर भी गिरा है।
झाझा-जमुई मुख्य सड़क के एकडारा चौक के समीप मुख्य सड़क के किनारे ही कई विद्यालय संचालित है, जहां कभी भी बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना घट सकती है। मुख्य सड़क के किनारे किसी विद्यालय का निबंधन नहीं हो सकता है इसके बावजूद विभाग ने एक ऐसे विद्यालय का निबंधन कर दिया जो इसकी आड़ में अवासीय विद्यालय का संचालन करते हैं।

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डीएसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो. अमरेन्द्र ¨सह ने कहा कि आज प्राइवेट स्कूल एक व्यवसाय का रूप ले लिया है। अभिभावक दीपक शर्मा ने कहा कि सरकारी विद्यालयों की जांच विभाग के पदाधिकारी सप्ताह या महीनों में करते हैं लेकिन इन विद्यालयों की जांच कभी नहीं होती।

वनस्पती विभाग के चन्द्रकिशोर ¨सह ने कहा कि प्रखंड के किसी भी प्राइवेट स्कूल में शिक्षा का कोई वातावरण नहीं है।

एमजीएस विद्यालय के हिन्दी के शिक्षक रवि कुमार ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में किसी प्रकार का कोई संसाधन नहीं है।

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विज्ञान की शिक्षिका प्रति रामा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल बच्चों के शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। कई स्कूल में सैकड़ों बच्चे हैं पर शिक्षक मात्र दस है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यानंद ¨सह ने कहा कि प्राइवेट स्कूल पर नकेल कसा जाएगा। निबंधन कराए गए सभी विद्यालयों की जांच 22 जनवरी के बाद कराई जाएगी। साथ ही अन्य विद्यालयों की भी जांच कराई जाएगी। जो विद्यालय मापदंड के तहत कार्य नहीं करेंगे उनका निबंधन रद कर दिया जाएगा।