साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त लागू करने में हो रही देर

साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त लागू होने में देर हो रही है। शिक्षा विभाग की घोषणा लगातार फेल हो रही है। सेवाशर्त नियमावली लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति मिलेगी।
प्रारंभिक शिक्षकों को जिला स्तर पर नियोजन इकाई फाइनल होने की स्थिति में नियोजित शिक्षकों को अपने जिले में तबादला का मौका मिलेगा। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों का तबादला प्रमंडल स्तर पर हो सकता है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मियों को दर्जा देने की शिक्षक संघों ने सुझाव दिया है।

दो वर्षों से अधिक समय से नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त का मामला लटका हुआ है। सेवाशर्त लागू करने की लगातार तिथियां बदलती रहीं। महागठबंधन सरकार के तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी की तीन-तीन घोषणाएं फेल हो चुकी थी। महागठबंधन सरकार ने जुलाई के अंत तक शिक्षक संघों से बात कर सेवाशर्त का ड्राफ्ट फाइनल करने की बात कही थी, लेकिन महागठबंधन सरकार के भंग होने और एनडीए सरकार बनने के कारण सेवाशर्त लागू होने में देर हो रही है। अभी तक सेवाशर्त का ड्राफ्ट फाइनल भी नहीं हो सका है। 9 अगस्त को शिक्षक संघों ने सेवाशर्त कमेटी के समक्ष अपनी बात रख दी है। सितंबर में सेवाशर्त ड्राफ्ट फाइनल होने की बात कही गई थी, लेकिन अक्टूबर भी बीतने लगा है। दीपावली और छठ पर्व के कारण इस माह सेवाशर्त लागू होने की संभावना नगण्य है।

संघों का सुझाव

नियोजितशिक्षकों की सेवा अवधि में मृत्यु पर आश्रितों को अनुकंपा पर नियुक्ति, शिक्षकों को भविष्य निधि, पेंशन, बीमा का लाभ मिले। प्रधानाध्यापक में प्रोन्नति एवं सीधी भर्ती में सेवा अनुभव का लाभ। 2006 की नियोजन नियमावली को निरस्त कर शिक्षकों के लिए 1983 से लागू सेवाशर्त नियमावली या झारखंड की सेवाशर्त नियमावली 2015 लागू की जाए। पुराने शिक्षकों की तरह छुटिट्यों का लाभ, पुस्तकालयाध्यक्ष पद को समाप्त कर शिक्षक सह पुस्तकालयाध्यक्ष पद हो।

एसीपी का लाभ मिलेगा

नियोजितशिक्षकों की बहाली के लिए बनी नियमावली में पूरे सेवाकाल में एक बार अपने नियोजन इकाई के अंदर किसी स्कूल में तबादला का प्रावधान था। नई सेवाशर्त नियमावली लागू होने पर सेवाकाल में अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही एसीपी और प्रोन्नति का लाभ मिलेगा।