शिक्षकों की बहाली का सच : सरकार को शिक्षक नहीं बंधुआ मजदूर चाहिए : TSUNSS

शिक्षकों की बहाली का सच
जब प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर बहाली होनी है तो इस तरह का बंधन की बीएड या डीएलएड वाले ही परीक्षा में सम्मिलित हो सकते है,तर्कहीन और असंगत प्रतीत होता है।
2011 का tet का परिणाम सिद्ध करता है कि प्रशिक्षित से ज्यादा योग्यता अप्रशिक्षतों में होती है।150000 परिणामों में मात्र 50000 ही पास कर पाए थे।इस परीक्षा की भी शर्तें 2011 की भांति ही होनी चाहिए।योग्यों को स्थान प्राप्त होगा और अयोग्यों की छटनी होगी।बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिएआवश्यक है।बिहार सरकार की मंशा स्पष्ट है कि कुछ ख़ास लोगों को ही लाभ पहुचाया जाय।सरकार को शिक्षक नहीं बंधुआ मजदूर चाहिए, जो सरकार की अंध नीतियों का समर्थन आँख मूंदकर करे।सही शिक्षा व्यव्यस्था से सरकार को चुनौती देने वाली जागरूक जनता का निर्माण होगा।
धन्यवाद्
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