यहां पेंशन के लिए करना पड़ता है महीनों इंतजार

बेतिया। उम्र के अंतिम पायदान पर आ चुके बिहार विश्वविद्यालय के करीब चार हजार विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त आचार्य, उपाचार्य, प्रवक्त(प्रोफेसर, रीडर, लेक्चरर) एवं शैक्षणिक कर्मियों की पेंशन का भुगतान पांच माह से नहीं हो रहा है। उन्हें पेंशन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ रहा है।
पेंशन के लिए उन्हें प्रतीक्षा करने की यह पहली घटना नहीं है, बल्कि उनके साथ हमेशा हीं यह बात होती रही है। लेकिन बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास में इस बार 'पेंशन नन पेमेंट' का यह सबसे बड़ी अवधि है। पेंशन के नहीं मिलने से कई पेंशनरों को समय पर दवा लेने एवं इलाज कराने में परेशानी हो रही है। वहीं राशि के अभाव में कई पेंशनर काल के गाल में भी समा गये, तो दूसरी ओर दुर्गा पूजा, दीपावली जैसे पर्व पर भी उन्हें राशि के लिए तड़पना पड़ा। अब छठ पर्व के अवसर पर भी उन्हें पेंशन के भुगतान की संभावना नजर नहीं आ रही है।
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क्या है विश्वविद्यालय कर्मियों के पेंशन भुगतान की व्यवस्था
सरकार ने सेवा निवृत्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को राज्य सरकार के पेंशनधारियों की तरह हीं भुगतान करने की व्यवस्था की है। कई वर्षो तक महीने के एक तारीख को हीं पेंशन का भुगतान होता रहा। लेकिन सिस्टम की कमी ने भुगतान की प्रक्रिया में पेंच फंसा दिया। कुछ वर्षो से राज्य सरकार जब नियमित विश्वविद्यालय, कालेज शिक्षकों एवं कर्मियों को वेतन के लिए राशि विमुक्त करती है, तो उसमें पेंशनरों की पेंशन का भी हिस्सा शामिल होता है। जिस राशि से विश्वविद्यालय पेंशन का भुगतान करता है। राज्य सरकार विश्वविद्यालय में वेतन एवं पेंशन भुगतान के लिए पूरे एक वर्ष का राशि आवंटित करती है। इसमें नये वित्तीय वर्ष की शुरूआत में राशि विमुक्त की जाती है। जिसमें करीब तीन माह यानी मार्च, अप्रैल एवं मई माह की पेंशन एक बार दी जाती है। फिर प्रत्येक माह के दूसरे एवं तीसरे सप्ताह में पेंशन का भुगतान कर दिया जाता है। लेकिन पहली बार पांच-पांच माह की पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है।
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कहां हो रही है कमी
वेतन एवं पेंशन के भुगतान के बाद संबंधित विश्वविद्यालय को भुगतान के बाबत उपयोगिता प्रमाण पत्र सरकार को भेजना पड़ता है। यदि उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है, तो वेतन एवं पेंशन की राशि की विमुक्ति नहीं हो पाती है। जानकारों की माने, तो इस बार ऐसा हीं हुआ है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से उपयोगिता प्रमाण पत्र देने में विलंब किया गया है। जिससे पेंशन भुगतान में समस्या उत्पन्न हो गयी है।
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बयान
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने के चलते पेंशन भुगतान नहीं हो पाया है। राज्य सरकार ने इस बार के लिए इस नियम को शिथिल करते हुए चार माह के पेंशन की राशि विमुक्त कर दी है। अब पेंशन के शीघ्र भुगतान करने की संभावना है।
डा. प्रो. एसएन त्रिपाठी
अवकाश प्राप्त प्राचार्य

सह अध्यक्ष बीआरए बिहार विश्वविद्यालय पेंशनधारी समाज
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