दफ्तरों में बजाई ड्यूटी, तो गुरुजी को नहीं मिलेगा वेतन

 रोहतास। बीमारी या अन्य कारणों का हवाला दे बेवजह दूसरे स्कूल या दफ्तरों में प्रतिनियोजन कराने वाले शिक्षकों के लिए अब बुरे दिन आ गए हैं। अगर मास्टर साहब प्रतिनियोजन करा गैर शिक्षण कार्य करेंगे, तो उन्हें वेतन के भी लाले पड़ सकते हैं।
क्योंकि वे पढ़ाने के अलावे अन्य ड्यूटी करेंगे, तो अब उनका वेतन भी वहीं से मिलेगा। शिक्षा विभाग वेतन भुगतान नहीं करेगा। विभागीय प्रधान सचिव के नए फरमान से शिक्षकों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। यदि विभागीय अधिकारी या अन्य अफसर फरमान की अनदेखी करेंगे, तो उनपर भी गाज गिर सकती है।
सूची तलाशने में जुटा विभाग
प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में विभाग के स्थानीय अधिकारी प्रतिनियोजित शिक्षकों की सूची तलाशने में जुट गए हैं। अभी तक विभाग के पास प्रतिनियोजित शिक्षकों का सही आंकड़ा भी नहीं है। क्योंकि कुछ तो विभागीय अफसर व बाबू की कृपा से डेपुटेशन पर हैं, तो कई नियोजन इकाइयों के आदेश पर। कोई बीमारी का हवाला दे घर के समीप वाले विद्यालय में प्रतिनियोजन कराया है, तो कोई अन्य कारणों से। किसी ने निर्वाचन कार्यालय, तो कई नियोजन इकाई में प्रतिनियुक्ति करा वर्षों जमे हैं। जिन पर राजनेताओं से लेकर बड़े- बड़े अफसरों तक का वरदहस्त प्राप्त है। इनके लिए न तो अधिकारी का आदेश मायने रखता है, न आरटीआई।
पहले भी रद हो चुके हैं डेपुटेशन :
बहुसंख्यक शिक्षक वाले स्कूल में या फिर गैर शिक्षण कार्य में प्रतिनियोजित शिक्षकों का डेपुटेशन पहले भी कई बार रद हो चुका है। लेकिन उसका पालन कितना हुआ है, इसका जवाब देने में विभागीय अधिकारी बगले झांकने लगते हैं। एक वर्ष पूर्व भी यहां के जिला परिषद की सामान्य बैठक में एक मुश्त सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद किया गया था। बावजूद अभी भी प्रतिनियोजित शिक्षकों की संख्या जिले में घटने की बजाए बढ़ ही गई है। सूत्रों की मानें तो पांच सौ से अधिक शिक्षक अब भी डेपुटेशन पर हैं। जिसे मूल विद्यालय में भेजने में विभाग नाकाम रहा है।
क्या है प्रधान सचिव का पत्र :
दस वर्षीय जनगणना, आपदा सहायता, लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय चुनाव को छोड़ शिक्षकों को किसी अन्य गैर शिक्षण कार्य में प्रतिनियुक्त नहीं करना है। प्रशिक्षण, मतदान सामग्री की प्राप्ति, मतदान व मतगणना से संबंधित कार्य शिक्षण के लिए निर्धारित कार्यावधि में किए जाएंगे। लेकिन मतदाता सूची में संशोधन व तैयारी शिक्षक अवकाश या छ़ट्टियों के दिन में करेंगे। ऐसी स्थिति में विभाग के पुर्वानुमति के बिना किसी भी शिक्षक का प्रतिनियोजन अन्य कार्य में नहीं किया जाएगा। यदि ऐसा होता है, तो जहां शिक्षक प्रतिनियोजन पर होंगे, उनका वेतन भुगतान शिक्षा विभाग नहीं करेगा। वेतन भुगतान की जिम्मेदारी प्रतिनियुक्ति करने वाले अधिकारी की होगी। साथ ही उन अफसरों पर भी कार्रवाई होगी, जो शिक्षक को डेपुटेशन पर लगाए हैं।
कहते हैं डीएम :
शिक्षकों को विशेष परिस्थिति में प्रतिनियोजित करने का प्रावधान है। वैसे स्कूल में शिक्षक को प्रतिनियोजित किया जा सकता है, जहां एक शिक्षक कार्यरत हैं। बहुसंख्यक शिक्षक वाले विद्यालय में प्रतिनियोजन करना नियम के प्रतिकूल है। प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद कर दिया गया है। डीईओ को ऐसे शिक्षकों को मूल विद्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है। जो शिक्षक आदेश की अवहेलना करेंगे, उन पर कार्रवाई करने को भी कहा गया है।

अनिमेष कुमार पराशर, डीएम।
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