बक्सर। विद्यालयों में बच्चों की 75 प्रतिशत उपस्थिति हर हाल में
अनिवार्य है। शिक्षकों की उपस्थिति भी 90 प्रतिशत होनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ
तो इसकी गाज शिक्षक व हेडमास्टर दोनों पर गिर सकती है। शिक्षा विभाग की
समीक्षा बैठक में यह बातें जिलाधिकारी रमण कुमार ने कही।
इस दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय की साफ-सफाई, एमडीएम की गुणवत्ता व विद्यालयों में बच्चों द्वारा शौचालय का शत प्रतिशत उपयोग करने पर जोर दिया गया, साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता को भी कसौटी पर कसा। डीएम ने कहा कि वर्ग शिक्षक अब ऐसे ही क्लास में नहीं चले जाएंगे अपितु, उन्हें पाठ-टीका तैयार करके स्कूल जाना होगा। मसलन, किस क्लास में किस विषय का कौन सा पाठ गुरुजी आज बच्चों को पढा़एंगे इसकी पूरी तैयारी के साथ वे विद्यालय जाएंगे। यही नहीं निजी स्कूलों की तर्ज पर वे बच्चों को होमवर्क भी देंगे। ऐसा नहीं पाए जाने पर उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। कहा गया कि विद्यालय में अगर 75 प्रतशित बच्चे उपस्थित हैं तो एमडीएम भी शत प्रतिशत बच्चों को खिलाना है। बैठक में सीआरसीसी की भूमिका पर भी चर्चा हुई। कहा गया कि सीआरसीसी जिनको फील्ड में रहना है वे पूरे माह का अपना टूर प्रोग्राम बनाकर बीईओ को देंगे और उसी के अनुरुप वे अपना काम करेंगे। प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को इसकी मॉनीट¨रग की जवाबदेही दी गई।
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