टीम जांचेगी, स्कूलों में क्या और कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक

सरकारने मैट्रिक का रिजल्ट सुधारने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने कार्यक्रम तैयार किया है। इसके मुताबिक हर हाईस्कूल में शैक्षणिक स्थिति का जायजा लिया जाएगा। जांच के बाद वहां की कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। विशेष कक्षाओं का आयोजन होगा।
सरकार के निर्देश के तहत पदाधिकारी सुबह से शाम तक स्कूल में बिताएंगे। सुबह में प्रार्थना से लेकर छुट्टी तक रहेंगे। साइंस, गणित, हिंदी अंग्रेजी की कक्षाओं में जाएंगे। शिक्षकों के पढ़ाने की तकनीक देखेंगे। जानने का प्रयास करेंगे कि शिक्षक केवल बच्चों को रटा रहे हैं या उन्हें विषय की जानकारी भी दे रहे हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि बच्चों को सिलेबस के आधार पर पढ़ाया जा रहा है या नहीं। सभी प्रकार की गतिविधियों गुणवत्ता पर रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें बच्चों से बातचीत भी शामिल है। इसके आधार पर कार्रवाई की योजना बनाई जाएगी। प्रारंभिक चरण में मैट्रिक में खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों का जायजा लिया जाएगा। जरूरत के हिसाब से शिक्षकों की उपलब्धता या वहां अतिरिक्त कक्षाओं के आयोजन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में भी विभागीय टीम जाएगी। वहां शिक्षकों के पढ़ाने की तकनीक बच्चों की सोच पर रिपोर्ट तैयार करेगी।

स्कूल स्तर पर चलाया जाएगा शैक्षणिक विकास कार्यक्रम

जांचटीम की रिपोर्ट के आधार पर राज्य की माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित करने और शिक्षकों के ओरिएंटेशन की भी योजना है। प्रखंड में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के शिक्षकों को खराब या औसत प्रदर्शन वाले स्कूलों में भेजा जाएगा। वे वहां के शिक्षकों विद्यार्थियों को रिजल्ट सुधारने के टिप्स देंगे। विभाग का कहना है कि कोई भी विद्यार्थी अपनी मर्जी से खराब प्रदर्शन नहीं करना चाहता। उचित मार्गदर्शन मिले तो वह बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
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